दो दर्जन वरिष्ठ कांग्रेसियों ने सोनिया को लिखा पत्र, पार्टी में 'पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व' लाने की मांग

दो दर्जन वरिष्ठ कांग्रेसियों ने सोनिया को लिखा पत्र, पार्टी में 'पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व' लाने की मांग

कांग्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पार्टी के बड़े नेताओं ने अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में बड़े बदलाव करने की मांग की

नई दिल्‍ली। कांग्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पार्टी के बड़े नेताओं ने अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में बड़े बदलाव करने की मांग की है। यह मांग कांग्रेस के 23 बड़े नेताओं ने की है। इनमें 5 पूर्व मुख्‍यमंत्री, शशि थरूर जैसे सांसद, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्‍य और तमाम पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। इनका कहना है कि पार्टी में बड़े बदलाव करके कांग्रेस को हो रहे नुकसान से बचाया जाए। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पत्र बीजेपी की प्रगति की ओर इशारा करता है। यह स्वीकार करते हुए कि युवाओं ने निर्णायक रूप से नरेंद्र मोदी को वोट दिया है। पत्र बताता है कि कांग्रेस को बुनियादी रूप से समर्थन का घाटा हुआ है। युवाओं का विश्वास खोना गंभीर चिंता का विषय है। यह पत्र करीब दो हफ्ते पहले भेजा गया था। पत्र के जरिये बड़े नेताओं ने एक 'पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व' लाने की मांग की है, जो कि धरातल पर दिखे भी और सक्रिय भी रहे। साथ ही पार्टी के पुनरुद्धार के लिए सामूहिक रूप से संस्थागत नेतृत्व तंत्र की तत्काल स्थापना के लिए भी कहा गया है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, सांसद विवेक तन्खा, एआईसीसी के पदाधिकारी और सीडब्ल्यूसी सदस्य जिनमें मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। साथ ही भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंदर कौर भट्टल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज भवन, पी जे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी, और मिलिंद देवड़ा भी शामिल हैं। पूर्व पीसीसी प्रमुख राज बब्बर (यूपी), अरविंदर सिंह लवली (दिल्ली) और कौल सिंह ठाकुर (हिमाचल), वर्तमान बिहार अभियान प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह, हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, दिल्ली के पूर्व स्पीकर योगानंद शास्त्री और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने भी इसमें हस्‍ताक्षर किए हैं। पत्र में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में हार के एक साल बाद भी पार्टी ने लगातार गिरावट के कारणों का पता लगाने के लिए कोई आत्मनिरीक्षण नहीं किया है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पत्र के जवाब के रूप में एक प्रमुख संगठनात्मक फेरबदल की योजना बनाई जा रही है। सोमवार होने वाली सीडब्‍यूसीसी की बैठक में उसी की घोषणा होने की उम्मीद है।