फर्जी नियुक्ति पत्र के मामले में न्यायालय ने आरोपिया को जेल भेजा

फर्जी नियुक्ति पत्र के मामले में न्यायालय ने आरोपिया को जेल भेजा
gajraj singh meena ब्यावरा। न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजगढ ने थाना राजगढ के अपराध क्रमांक 407/17 में आरोपिया मुख्तरी बेगम उर्फ अंजुम खान पति मोहम्मद नईम अंसारी निवासी ईतवारी मोहल्ला सोहागपुर जिला शहडोल हाल निवासी सुभाष नगर भोपाल की जमानत खारिज कर जेल भेज दिया है। मीडिया प्रभारी आशीष दुबे ने बताया है कि पुलिस थाना राजगढ में 30 जुलाई 2017 को थाना अशोका गार्डन भोपाल में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 0/17 धारा 420, 467, 468, 471 की केश डायरी असल अपराध कायमी के लिए प्राप्त हुई थी, जिस पर असल कायमी अपराध क्रमांक 407/17 की गई थी। थाना अशोका गार्डन में एक शिकायत जांच हेतु प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच की गई सत्यनारायण सोनी 04 नबंवर 2015 को कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ का आदेश से फार्माशिस्ट के पद पर ज्वाईंनिग हेतु कार्यालय में उपस्थित हुआ तो कार्यालय में आदेश फर्जी पाया गया था। इस फर्जी आदेश के संबंध में थाना प्रभारी को सूचना दी गई, जिसकी जांच उपरांत सत्यनारायण सोनी का कृत्य धारा 420, 467, 468, 471 का होना पाया गया था। जिस पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लिए गए थे। अभियुक्त सत्यनारायण पिता रणछोड़दास निवासी वार्ड नं. 4 तेंदूखेड़ा जिला दमोह द्वारा मेमोरेण्डम में कूट रचित नियुक्ति पत्र अंजुम मैडम निवासी भोपाल से प्राप्त करना बताया। प्रकरण में वांछित आरोपिया मुख्तरी बेगम उर्फ अंजुम खान पति मोहम्मद नईम अंसारी निवासी ईतवारी मोहल्ला सोहागपुर जिला शहडोल हाल निवासी सुभाष नगर भोपाल का मेमोरेण्डम पूछताछ पर जुर्म स्वीकार कर गिरफ्तार किया गया था। अभियुक्ता अंजुम खान ने कूटरचित नियुक्ति पत्र आरोपी शफीक मोहम्मद कुरैशी पिता अब्दुल मजीद निवासी कालाखेत राजगढ से प्राप्त करना बताया। मेमो की तश्दीक पर खुलाशा हुआ कि वर्ष 2019 में आरोपी शफीक की मुत्यु हो चुकी है, जिसके बाद आरोपी अंजुम खान के विरूद्ध अपराध सदर का पाया जाने से पूरक चालान न्यायालय में पेश किया गया। इस प्रकरण में अभियुक्ता अंजुम खान ने न्यायालय के समक्ष जमानत आवेदन प्रस्तुत कर जमानत की मांग की थी। शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियेाजन अधिकारी आशीष दुबे ने न्यायालय के समक्ष तर्क प्रस्तुत कर आरोपिया को जमानत न दिए जाने का निवेदन किया। अभियोजन कहानी एवं तर्कों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय ने आरोपिया अंजुम खान का जमानत आवेदन खारिज कर दिया है।