कृषि क्षेत्र में पूंजीपतियों उद्योगपतियों का कब्जा करवा रही मोदी सरकार - राकेश तिवारी
केंद्र सरकार के किसान विरोधी नए कृषि विधेयकों का कांग्रेस ने किया विरोध
Syed Javed Ali
मण्डला - हमारे देश के किसान, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। जब किसान अपने खेतों में दाना उगाते हैं तब देश का पेट भरता है। देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए किसानों ने अपना सर्वस्व समर्पित किया है। आज उन्ही किसानों को मोदी सरकार पूंजीपतियों का गुलाम बनाने की साजिश रच रही है। कृषि क्षेत्र में पूंजीपतियों उद्योगपतियों का कब्जा करवाना चाहती है मोदी सरकार लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही किसानों के साथ खड़ी रही है और हमेशा खड़ी रहेगी। यह कहना है जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश तिवारी का, जो उन्होंने बुधवार को मोदी सरकार के नए कृषि विधेयकों के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के दौरान कही। जिला कांग्रेस कार्यालय से रैली निकालकर सैकड़ो की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे और देश के महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए बताया गया कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है लेकिन देश के हर क्षेत्र में प्रगति होने के बाद भी किसानों की स्तिथि में आज भी परिवर्तन नहीं आ पाया है। आज जब देश में किसानों की आर्थिक स्तिथि सुधारने के लिए कानून बनने चाहिए तब देश की मौजूदा केंद्र सरकार कृषि सुधार के नाम पर ऐसे कानून लेकर आई है जो किसानों की खराब आर्थिक हालत को और भी ज्यादा बदतर करने वाली है। देश की मौजूदा केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने संख्याबल का दुरुपयोग करते हुए अलोकतांत्रिक तरीके से कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020 और कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पास कर लिए हैं। इन विधेयकों के पास हो जाने के बाद अब धीरे धीरे फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रक्रिया समाप्त होते जाएगी। अब व्यापारी और उद्योगपति किसानों की फसल मनमाने न्यूनतम दामों पर खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएंगे। कृषि मंडियो या खरीदी केंद्रों की व्यवस्था एक तरह से समाप्त हो जाएगी और कृषि क्षेत्र में उद्योगपतियों व पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा। अब उद्योगपतियों को किसानों के उनकी जमीन और खेती के लिए अनुबंध करने हेतु स्वतंत्र कर दिया गया है जिससे उद्योगपति कारपोरेट और पूंजीपति किसानों से उनकी जमीन में अपनी पसंद और तकनीक के तहत फसलें उगाने के लिए अनुबंध करके किसानों को उनकी ही जमीनों पर मजदूर बना देंगे। ये दोनों ही कानून अपने आप में किसान विरोधी काले कानून हैं और यदि इन काले कानूनों का विरोध पूरे देश के किसानों द्वारा किया जा रहा है। किसानों बंधुओं का कहना है कि इन विधेयकों से उनकी आर्थिक हालत तो खराब होती ही जाएगी साथ ही वे अपनी जमीनों पर मजदूर भी बन जाएंगे। इसलिए किसान हित में हमारी कांग्रेस पार्टी देश के सभी किसानों के साथ खड़ी है और इस ज्ञापन के माध्यम से हम मांग करते हैं कि कृषि क्षेत्र से जुड़े इन काले कानूनों को तुरंत वापस लिया जाए। केंद्र सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से लोकसभा व राज्यसभा में इन विधेयकों को पास तो करवा लिया है परंतु आपके हस्ताक्षर न होने से ये विधेयक अब तक कानून नहीं बन पाए हैं। इस हेतु हम समस्त आपसे मांग करते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा पारित दोनों कृषि विधेयकों को निरस्त करते हुए वापस किया जाए और जब तक किसानों की सहमति के अनुसार प्रावधान इसमें शामिल न हों तब तक इसे कानून का रूप न दिया जाए।
ये रहे उपस्थित -
बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा, निवास विधायक डॉक्टर अशोक मर्सकोले, जिला अध्यक्ष श्रीमति पूर्णिमा शुक्ला, कांग्रेस जिला अध्यक्ष एडवोकेट राकेश तिवारी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अमित शुक्ला, वरिष्ठ कांग्रेसी भोजराज भोजु, शकुन जाघेला, अनूप बासल, हेमंत मोदी, दीपक सोनी, शिवराज कछवाहा, राजेश चोरसिया, संजय चौरसिया, अजय चोरसिया, अदीब गोरी, मुकेश कछवाहा, राजेश साहू, बब्बी राय, केलाश सोनी, ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप गोस्वामी, नफीस मालिक, राम विलास झरिया, बेनी श्याम राय, राकेश मिश्रा, राकेश श्रीवास, इकबाल अहमद, तारा परस्ते, प्रदीप खरबंदा, अशोक सोनी, मनोज सोनी, जीतराज, किशोर अग्रवाल, इकबाल समसाद भाईजान, मनिक परते, गणेश पटेल, जनपद उपाध्यक्ष अभिनव नटटू चौरसिया, आकाश चौरसिया, आंनद तिवारी, राजीव सोनी, जावेद कुरैशी, अखिलेश ठाकुर एनएसयूआई अध्यक्ष, नगर महिला अध्यक्ष एड नीलू शुक्ला, जनपद सदस्य रेखा परते, तंजीला अल्वी, राधा राय महिला जिला उपाअध्यक्ष, सुमन श्रीवास सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।