पार्टी में विरोध के बाद कमल नाथ ने अपने ट्विटर एकाउंट को भगवा से मुक्त कर दिया
भोपाल। अयोध्या के श्रीराम मंदिर भूमिपूजन का स्वागत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को पार्टी में ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद अब उन्होंने रक्षात्मक रुख अपना लिया है। पहले उन्होंने श्रीराम मंदिर के मामले में पार्टी लाइन पर चलने की सफाई दी और अब उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट को भगवा से मुक्त कर दिया है। गौरतलब है कि श्रीराम मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम से पहले कमलनाथ ने प्रोफाइल पिक्चर बदला दिया था। उन्होंने भगवा पहनकर एक धार्मिक स्थल की अपनी तस्वीर लगाई थी। इसको लेकर केरल के कांग्रेस सांसद टीएन प्रथापन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नाराजगी जताई थी।

कमल नाथ राम मंदिर भूमिपूजन से पहले ट्विटर पर अपना प्रोफाइल पिक्चर बदलने के साथ-साथ अपने सरकारी निवास पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही पार्टी द्वारा प्रदेश भर में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर निर्माण का स्वागत करते हुए कहा था कि वे राजीव गांधी को प्रणाम करते हैं जिन्होंने ताले खोले थे। राम मंदिर की कहानी वहीं से शुरू होती है। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि हम मध्य प्रदेश की जनता की ओर से 11 चांदी की ईंट अयोध्या भेज रहे हैं। ये ईंटे कांग्रेस सदस्यों ने दान देकर खरीदी हैं।
टीएन प्रथापन ने सोनिया गांधी को शिकायती पत्र लिखा था
राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन का मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह द्वारा स्वागत करने पर केरल के कांग्रेस सांसद टीएन प्रथापन ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को शिकायती पत्र लिखा था। उन्होंने दोनों नेताओं की प्रतिक्रियाओं को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अति धार्मिक राष्ट्रवाद के पीछे भागना बताया था। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष और बहुलवादी है, लेकिन हमें उस हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करना चाहिए जो भाजपा और आरएसएस का है।