भोपाल। उम्मीद जताई जा रही है मप्र कांग्रेस को दिल्ली जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष की सौगात दे सकती है। इसके लिए दिल्ली में मुख्यमंत्री कमलनाथकौन बनेगा मप्र कांग्रेस का अध्यक्ष, दिल्ली से होगा फैसला के साथ केंद्रीय नेताओं में सुमार गुलामनबी आजाद और अहमद पटेल के बीच सलाह मशवरे का दौर जारी है। इस पद के लिए दौड़ में शामिल राज्य के करीब आधा दर्जन नेताओं के नामों पर विचार करते हुए यह छत्रपों के साथ न केवल चर्चा कर रहे हैं, बल्कि सोनिया और राहुल को भी मौजूदा स्थिति से अवगत करा रहे हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री कमलनाथ अभी मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भी हैं। एक व्यक्ति एक पद के फॉर्मूले के तहत उनका यह पद छोडऩा तय है। इसके मद्देनजर वह लोकसभा चुनाव में हार के बाद यह पद छोडऩे की इच्छा भी जता चुके हैं। इसके बाद माना जा रहा है कि अब पीसीसी चीफ बदला जाना तय है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की दिल्ली में मौजूदगी और केंद्रीय नेताओं से मुलाकात को देेखते हुए यह माना जा रह है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व शीध्र ही इस संबंध में निर्णय लेने जा रहा है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस के कई नेता इस पद की जुगाड़ में दिखाई दे रहे हैं। कद्दावर नेताओं में सुमार ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कई मंत्रियों का नाम भी इसमें शामिल है। हालांकि अभी तक इनमें से किसी ने भी दावेदारी करते हुए सार्वजनिक रूप इस पद के लिए इच्दा नहीं जताई हैं, लेकिन समर्थकों के माध्यम से इनके नाम चर्चाओं में आ गए हैं।
चर्चा में आधा दर्जन नाम
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए करीब आधा दर्जन नाम सामने आए हैं। इनमें हाल ही में महाराष्ट्र स्क्रीनिग कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए ज्योतिरादित्य
सिंधिया के अलावा मंत्री बाला बच्चन, जीतू पटवारी, उमंग सिंधार के साथ ही पूर्व विधायक मुकेश नायक भी इस दौड़ में बने हुए हैं। इसमें महिला नेत्रियां भी पीछे नहीं है। राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की करीबी मानी जाने वाली मिनाक्षी नटराजन के साथ सोनिया गांधी और वी जार्ज के नजदीक मानी जाने वाली मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा का नाम भी चर्चा में आ गया है।
जातिगत समीकरण साधने पर जोर
समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की मंशा के साथ कांग्रेस नए अध्यक्ष पर मुहर जातिगत समीकरण को देखते हुए लगाना चाहती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की माने तो इसका फायदा एससी और पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति को मिल सकता है। इसके पहले सामान्य वर्ग से जहां कमलनाथ मुख्यमंत्री बनाए गए हैं वहीं एससी वर्ग से नर्मदा प्रसाद प्रजापति को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर प्रतिनिधित्व दिया जा चुका है। यह बात अलग है कि जातीय संतुलन के दृष्टिगत पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और मुकेश नायक की दावेदारी भी बनी हुई है।
कोई भी मंत्री नहीं छोडऩा चाहता पद
सरकार में मंत्री रहते हुए कई नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की चाहत रखते हैं। लेकिन एक व्यक्ति एक पद संबंधी कमलनाथ के फार्मूले पर चलते हुए इनमें से कोई मंत्रिमंडल से अलग नहीं होना चाहता है। हालांकि खेल मंत्री जीतू पटवारी इसमें अपवाद बताए जाते हैं, लेकिन बाला बच्चन और उमंग सिंघार इसके लिए तैयार दिखाई नहीं दे रहे है