कश्मीर पर 'चौधरी' बना चीन, सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग

कश्मीर पर 'चौधरी' बना चीन, सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग
नई दिल्ली: चीन ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक बुलाने की मांग की है. एक वरिष्ठ राजनयिक ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीजिंग के करीबी सहयोगी पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पोलैंड को पत्र लिखा था. संयुक्त राष्ट्र राजनयिक ने बताया कि बैठक बुलाने का अनुरोध हाल ही में किया गया. हालांकि, बैठक के लिए कोई समय तय नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘चीन ने सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में शामिल ‘भारत-पाकिस्तान सवाल’ पर चर्चा की मांग की है. यह मांग पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को लिखे पत्र के संदर्भ में की गई है.’ हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उनके देश ने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की औपचारिक मांग की है. राजनयिक ने बताया कि चीन ने भी सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने के लिए औपचारिक रूप से अनुरोध किया है, लेकिन पोलैंड को बैठक की तारीख और समय तय करने से पहले अन्य सदस्यों से परामर्श करना होगा. अधिकारी ने कहा कि अभी तक बैठक के समय को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है पर शुक्रवार की सुबह सबसे नजदीकी विकल्प है. बता दें, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई द्विपक्षीय मुलाकात में स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का फैसला भारत का आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा था कि यह बदलाव बेहतर प्रशासन और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए है एवं फैसले का असर भारत की सीमाओं और चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नहीं पड़ेगा. इससे पहले, बीते हफ्ते जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस से उचित भूमिका निभाने के लिए कहा था. हालांकि, गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते की याद दिलाते हुए कहा था कि कश्मीर मामले में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया गया है. इसके बाद, पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को एकपक्षीय और अवैध करार देते हुए कहा था कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा.