सवाल, मोदी ने 5 अप्रेल ही क्यों चुना ?
रविवार ही क्यों चुना ?
9 बजे का वक्त ही क्यों चुना ?
9 मिनट का समय ही क्यों चुना
जब पूरा लॉकडाउन ही है तो शनिवार, शुक्रवार या सोमवार कोई भी चुनते क्या फर्क पड़ता ?
जवाब,,,जिनको अंकशास्त्र की थोड़ी भी जानकारी होगी, उनको पता होगा कि 5 अंक बुध का होता है। यह बीमारी गले फेफड़े में ही ज्यादा फैलती है, मुख गले फेफड़े का कारक भी बुध ही होता है। बुध राजकुमार भी है।
रविवार सूर्य का होता है। सूर्य ठहरे राजा साहब। दीपक या प्रकाश भी सूर्य का ही प्रतीक है
9 अंक होता है मंगल। सेनापति रात या अंधकार होता है शनि का।
अब रविवार 5 अप्रैल को, जोकि पूर्णिमा के नजदीक है, मतलब चन्द्र यानी रानी भी मजबूत। सभी प्रकाश बंद करके, रात के 9 बजे, 9 मिनट तक टॉर्च दीपक फ़्लैश लाइट आदि से प्रकाश करना है।
चौघड़िया अमृत रहेगी, होरा भी उस वक्त सूर्य का होगा। शनि के काल में सूर्य को जगाने के प्रयास के तौर पर देखा जा सकता है. 9-9 करके सूर्य के साथ मंगल को भी जागृत करने का प्रयासहै।
मतलब शनि राहु रूपी अंधकार (महामारी) को उसी के शासनकाल में बुध सूर्य चन्द्र और मंगल मिलकर हराने का संकल्प लेंगे।ऐसे में मौजूदा समय में कोरोना को हराने में कॉफी मदद मिलेगी।