सोने के बाद अब सोनभद्र में 100 टन यूरेनियम मिलने की उम्मीद

सोने के बाद अब सोनभद्र में 100 टन यूरेनियम मिलने की उम्मीद
सोनभद्र। सोनभद्र के लीलासी-सांगोबांध मार्ग के बीच स्थित कुदरी पहाड़ी पर लगभग 100 टन यूरेनियम मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके लिए पहाड़ी पर तीन स्थानों पर खुदाई भी शुरू करवा दी गई है। इसके अलावा जिले की सीमा से सटे तीन राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र में भी यूरेनियम की तलाश के लिए सर्वे किया जा रहा है। केन्द्रीय परमाणु ऊर्जा विभाग, दिल्ली की टीम हेलीकॉप्टर से एरो मैग्नेटिक सिस्टम के जरिए कुदरी के अलावा सोनभद्र जिले से सटे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती जंगलों और पहाड़ों में यूरेनियम की खोज कर रही है। टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि सोनभद्र जिले के कुदरी पहाड़ी क्षेत्र में लगभग 100 टन यूरेनियम मिलने की उम्मीद है। पहाड़ी पर जीएसआई की टीम तीन स्थानों पर खुदाई करवा कर यह पता लगाने में जुट गई है कि यूरेनियम कितना गहराई पर मौजूद है। अधिकारी ने बताया कि सोनभद्र जिले से सटे पड़ोसी राज्यों के जिले में भी यूरेनियम की पड़ताल की जा रही है। इसके लिए हेलीकॉप्टर से एरो मैग्नेटिक सिस्टम से सर्वेक्षण किया जा रहा है। वहीं, परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारी ने बताया कि यूरेनियम की खोज के बारे में एसडीएम को पूरी जानकारी दे दी गई है। सोन के कुदरी में यूरेनियम मौजूद है बीएचयू के भूवैज्ञानिक डॉ. वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि सौ टन यूरेनियम मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। एक किलो यूरेनियम से 24 मेगावॉट तक बिजली पैदा की जा सकती है। डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि सोन के कुदरी में यूरेनियम मौजूद है।  आसपास के गांव के लोगों का विस्थापन भी होगा जिले के चोपन ब्लॉक के टेलगुड़वा-कोन मार्ग के बीच पिपरहवा और हरदी गांव के उत्तर दिशा और सोन नदी के किनारे जीएसआई की खोज में मिले छह सौ कुंतल सोना निकालने के लिए खुदाई होने पर पहाड़ी का अस्तित्व मिट जाएगा। यही हाल पनारी और महुली के सोन पहाड़ी का भी होगा। साथ ही इसके आसपास के गांव के लोगों का विस्थापन भी होगा। स्वराज्य अभियान के नेता दिनकर कपूर का कहना है कि सरकार को विस्थापन से जुड़े मुद्दे सुलझाने के बाद ही खुदाई आदि का काम शुरू करना चाहिए।