brijesh parmar
उज्जैन, भारत के मोस्ट वांटेड दुर्दांत अपराधी विकास दुबे जिस पर 8 पुलिसकर्मी की हत्या सहित अनेक अपराध दर्ज थे और जानकारी के अनुसार उसने पुलिस पार्टी पर फिर हमला किया और ऐसे ऐसे में उसका मारा जाना उचित है,किन किंतु घटनाक्रम, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों पर सवालिया निशान पैदा करता है। यह आरोप लगाते हुए उज्जैन के कॉंग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता ऐडवोकेट ने कहा है महाकाल मंदिर जैसे पवित्र स्थल में विकास दुबे जैसे दुर्दांत अपराधी का प्रवेश एवं उज्जैन से कानपुर 700 किलोमीटर दूर से उज्जैन तक आ जाना,मध्य प्रदेश सरकार के खुफिया तंत्र की नाकामी है ।
अचानक से मंदिर में प्रस्तुत हो जाना तथा उज्जैन पुलिस द्वारा गिरफ्तारी का दावा करना और बिना किसी प्रक्रिया अपनाए बिना उसका उत्तर प्रदेश की पुलिस को सौंपा जाना और रास्ते में उसका मुठभेड़ में मारा जाना यह सब घटनाक्रम सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहा है और देश में मौजूद न्यायालीन प्रक्रिया और व्यवस्थाओं के ओचित्य को एक चुनौती भी है, जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि कानून के अनुसार अपराधी विकास दुबे को पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा 41/102 के के तहत गिरफ्तारी ली जानी थी तथा यह संज्ञान में होने के बावजूद की कानपुर कोर्ट मैं पेश किए जाने में विकास दुबे को 24 घंटे से अधिक समय कस्टडी मे लगेगा ,तो नियमानुसार उसे कोर्ट में पेश कर धारा 167 सीआरपीसी के तहत कोर्ट द्वारा ट्रांजिट वारंट इश्यू कराना अनिवार्य था ।मात्र उत्तर प्रदेश की पुलिस के पत्र के आधार पर अपराधी विकास दुबे को सौंपा जाना,कानून का प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है,,ये सरकार के दबाव मे किया गया है, और भाजपा के नेताओ की मिलिभगत की साजिश उजागर ना हो,इसलिये ये किया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने कहा कि अपराधी से जानकारी ली जाती तो भाजपा सरकार के कई बड़े चेहरो की मिलीभगत सामने आती और प्रश्रय देने वाले कई बड़े नेताओं को बेनकाब होने चाहिए थे व अन्य खुलासे होते ।।यही कानपुर पुलिस के शहीद कर्मियों को सच्ची श्रद्धांजलि होती । ज्ञात रहे की पुर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के हत्यारो को भी देश की न्याय-व्यवस्था के तहत सजा मिली थी।
विवेक गुप्ता ,,एडवोकेट , प्रवक्ता कांग्रेस उज्जैन