‘सहकार से समृद्धि’ की समीक्षा बैठक, सहकारी समितियों में 1 से 7 अक्टूबर के मध्य अनिवार्य रूप से हो आमसभा

‘सहकार से समृद्धि’ के अंतर्गत किए जा रहे नवाचारों में लाएं गति: सहकारिता मंत्री
जयपुर। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि सहकारी समितियों में ऑडिट और आमसभा की कार्यवाही समयबद्ध रूप से सम्पन्न होनी चाहिए। आमसभा केवल औपचारिकता नहीं हो, बल्कि इसमें लोगों के सुझाव प्राप्त करने और नवाचारों की जानकारी देने पर फोकस किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को अभियान चलाकर पैक्स स्तर तक खाद-बीज की गुणवत्ता की जांच करने तथा विभाग में मॉनिटरिंग सिस्टम को दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
दक मंगलवार को शासन सचिवालय के मंत्रालय भवन स्थित अपने कक्ष में ‘सहकार से समृद्धि’ के अंतर्गत किए जा रहे नवाचारों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों की आमसभा आयोजित करने के लिए 1 से 7 अक्टूबर तक की समयावधि निर्धारित कर सुनिश्चित किया जाए कि उक्त अवधि में शत प्रतिशत पैक्स की आमसभा अनिवार्य रूप से सम्पन्न हो। साथ ही, पैक्स के सूचना पटल में वर्णित जमाओं व अन्य संबंधित जानकारियों के विवरण के साथ आमसभा के फोटो भी मंगवाए जाएं। इससे सहकारी समितियों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पास खाद-बीज विक्रय के लाइसेंस हैं, उनका आगामी दिनों में अभियान चलाकर आवश्यक रूप से निरीक्षण करवाया जाए। निरीक्षण के दौरान खाद-बीज की गुणवत्ता की जांच कर सुनिश्चित किया जाए कि वे निर्धारित मानकों के अनुरूप हों।
सहकारिता मंत्री ने पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के कार्य में और गति लाने तथा गो-लाइव हो चुकी पैक्स को हैण्ड-होल्डिंग सर्टिफिकेट यथाशीघ्र जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गो-लाइव हो चुकी पैक्स की ई-ऑडिट करवाई जाए। बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया कि अब तक 5,301 पैक्स गो-लाइव हो चुकी है जबकि, 2,398 पैक्स को हैण्ड होल्डिंग प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि अब तक 713 पैक्स द्वारा ई-ऑडिट करवाई जा चुकी है। दक ने बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी एवं मत्स्य सहकारी समितियों के गठन में अपेक्षित प्रगति हासिल करते हुए एनसीडी पोर्टल पर डेटा अपडेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने पैक्स विहीन ग्राम पंचायतों में पैक्स के गठन तथा निष्क्रिय सहकारी समतियों के अवसायन के कार्य में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
दक ने विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना के अंतर्गत निर्मित किए जा रहे गोदामों का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने तथा मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप इन्हें किराये पर देने की प्रक्रिया शुरु करने के निर्देश दिए। इससे पैक्स की आय में वृद्धि होगी। दक ने कहा कि पैक्स द्वारा जन औषधि केन्द्र का संचालन करने से पूर्व उसकी व्यवहार्यता परखी जाए। उन्होंने कहा कि पैक्स द्वारा एफपीओ के साथ ही नये कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जाने की दिशा में भी कार्य किया जाए। इससे उनकी अतिरिक्त आय हो सकेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। उन्होंने नये गठित होने वाले पैक्स के लिए भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड की सदस्यता अनिवार्य किए जाने पर भी जोर दिया।
प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल ने कहा कि डेयरी सहकारी समितियों और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन में सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यवहार्यता के अनुसार भारत सरकार से डेयरी सहकारी समितियों के लक्ष्य में संशोधन का आग्रह किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जन औषधि केन्द्र के रूप में पैक्स हेतु 200 आवेदन हुए हैं जिनमें से 172 का प्रारम्भिक अनुमोदन कर दिया गया है। प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में उर्वरक लाइसेंस प्राप्त पैक्स की संख्या 4,030 एवं कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में कार्यरत पैक्स की संख्या 5,209 है। श्रीमती राजपाल ने बताया कि राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लि. की 217, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. की 185 एवं भारतीय बीज सहकारी समिति लि. की 2,516 समितियों द्वारा सदस्यता ली जा चुकी है।
बैठक में श्वेत क्रांति 2.0, एनसीसीएफ एवं नैफेड पोर्टल पर पंजीकरण, सहकारिता में सहयोग, सहकारी प्रशिक्षुओं की भर्ती, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों एवं रजिस्ट्रार कार्यालयों के कम्प्यूटरीकरण सहित अन्य बिन्दुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। सभी सम्बन्धित फंक्शनल अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।