राजीविका और आरवीजेवीवीएस के मध्य एमओयू, वनों पर निर्भर समुदायों की आजीविका को मिलेगा संबल

जयपुर। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) और राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता विकास समिति (आरवीजेवीवीएस) के बीच गुरूवार को एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह सहयोग वनों पर निर्भर समुदायों की आजीविका को सुदृढ़ करने और उन्हें वैकल्पिक, सतत और विविध आजीविका अवसरों से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह समझौता विशेष रूप से राजस्थान फॉरेस्ट एंड बायोडायवर्सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरएफबीडीपी) के अंतर्गत किया गया है, जिसे आरवीजेवीवीएस द्वारा राजस्थान वन विभाग के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। यह परियोजना एएफडी फ्रांस के सह-वित्तपोषण से वर्ष 2023-24 से 2030-31 तक राजस्थान के 13 जिलों के 800 गांवों में लागू की जा रही है।
परियोजना के तहत 1200 स्वयं सहायता समूहों का गठन व सशक्तिकरण किया जाएगा, जिन्हें आगे ग्राम संगठन (वीओ) व संकुल स्तरीय संगठन (सीएलएफ) के रूप में संगठित किया जाएगा। इसका उद्देश्य वनों पर निर्भर समुदायों को वैकल्पिक आजीविका के साधनों से जोड़ना है।
राजीविका राज्य सरकार की प्रमुख नोडल एजेंसी है, जो अब तक प्रदेश में 4.20 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन कर चुकी है और लगभग 50 लाख ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रही है। राजीविका स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय संस्थानों, सरकारी योजनाओं और आय सृजन गतिविधियों से जोड़ती है।
यह एमओयू दोनों संस्थाओं के संसाधनों के समन्वयपूर्ण उपयोग, क्षमता विकास, वित्तीय लिंकिंग, कौशल विकास और आय सृजन गतिविधियों के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने की दिशा में एक सशक्त साझेदारी का उदाहरण है।
इस अवसर पर राजीविका की ओर से स्टेट मिशन डायरेक्टर श्रीमती नेहा वर्मा और आरएफबीडीपी की ओर से परियोजना निदेशक एस. आर. वी. मूर्ति ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। समारोह में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पी. के. उपाध्याय (पीसीसीएफ और एचओएफएफ), श्रीमती शिखा मेहरा (पीसीसीएफ), अनुराग भारद्वाज (पीसीसीएफ - डब्ल्यूपी और एफएस और आईटी), के. सी. ए. अरुण प्रसाद (एपीसीसीएफ एफसीए), कपिल चंद्रवाल (अतिरिक्त परियोजना निदेशक, आरएफबीडीपी) सहित दोनों विभागों के अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।