आईआईटी जोधपुर मरुधरा की धरती पर चमकता हुआ मोती युवा सीखना और सपने देखना कभी बंद ना करें: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

विकसित राजस्थान के संकल्प को पूरा करने में युवा निभाएं अपनी भूमिका
मुख्यमंत्री ने आईआईटी जोधपुर के स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को दी उपाधि
मेधावी विद्यार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में दिए स्वर्ण पदक
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए दीक्षांत समारोह केवल एक स्मृति नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाला मील का पत्थर है। यहां से निकलने वाले स्नातक वह युवाशक्ति है जो विकसित भारत-विकसित राजस्थान के संकल्प को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार युवाओं की ऊर्जा और नवाचार की शक्ति को पहचानती है। हम टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर निवेश कर रहे हैं ताकि युवाओं को प्रत्येक क्षेत्र में रोजगार के भरपूर अवसर मिलें। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे कभी सीखना बंद ना करें, कभी सपने देखना बंद ना करें तथा अपने हर निर्णय में ‘भारत प्रथम’ की भावना को अपनाएं।
शर्मा गुरूवार को जोधपुर में आईआईटी, जोधपुर के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों तथा पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि आपने कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण से शिक्षा पूरी कर माता-पिता के साथ समाज का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि आईआईटी जोधपुर भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस, एआई, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, बायो इंजीनियरिंग इत्यादि के क्षेत्र में यह संस्थान अपनी शिक्षा और रिसर्च के लिए जाना जाता है। आईआईटी जोधपुर मरुधरा की इस धरती में एक चमकता हुआ मोती है जो पूरे भारतवर्ष में अपनी चमक बिखेर रहा है।
प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का हुआ विकास-
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इतिहास अत्यंत समृद्ध और गहराई से जुड़ा हुआ है। प्राचीन भारत में ज्ञान का उद्देश्य दर्शन या आध्यात्म के साथ व्यावहारिक उपयोग और प्राकृतिक सिद्धांतों की खोज भी था। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने शून्य की खोज कर आधुनिक गणित की नींव रखी। दशमलव प्रणाली की शुरूआत तथा त्रिकोणमितीय फलन का विकास भी भारत में ही हुआ। भास्कराचार्य और वराहमिहिर, आर्यभट्ट और ब्रह्मगुप्त जैसे विद्वानों ने देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास में योगदान दिया।
प्रदेश की युवा प्रतिभा को राज्य सरकार दे रही अन्तर्राष्ट्रीय मंच-
शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं के ज्ञान और विशेषज्ञता को अन्तर्राष्ट्रीय मंच उपलब्ध करवाने तथा नवीनतम तकनीकी सृजन के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। शर्मा ने कहा कि 2030 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 350 बिलियन डॉलर बनाने के लिए अनेक अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। इस दिशा में राइजिंग राजस्थान समिट का आयोजन कर 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू हुए और इनमें से सवा तीन लाख करोड़ रुपये के एमओयू को धरातल पर उतारा भी जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के साथ ही ऊर्जा भंडारण, वेस्ट टू एनर्जी, पर्यटन, खनन ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग और साइबर सिक्योरिटी जैसे उभरते क्षेत्रों में युवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं।
2 साल में डेढ़ लाख युवाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण -
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नई तकनीक में अवसर सृजित करने के लिए अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलरेट, एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी, टेकबी कार्यक्रम, स्टार्टअप लॉन्चपैड, लर्न, अर्न एंड प्रोग्रेस (लीप) प्रोग्राम, सेंटर फॉर एडवांस्ड स्कीलिंग जैसे नवाचार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टेट स्किल पॉलिसी के तहत 2 साल में डेढ़ लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, राजस्थान रोजगार नीति-2025 तथा विवेकानंद रोजगार सहायता कोष की स्थापना भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने 4 लाख सरकारी और निजी क्षेत्र में 6 लाख रोजगार देने का संकल्प लिया है। भर्ती कैलेण्डर जारी करना, रोजगार मेला एवं कैम्पस प्लेसमेंट के आयोजन से समयबद्ध रूप से युवाओं को रोजगार देने के संकल्प को गति मिली है।
इस अवसर पर आईआईटी जोधपुर के अभिशासक मंडल अध्यक्ष ए.एस. किरण कुमार ने कहा कि आईआईटी जोधपुर भारतीय उच्च शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता का केन्द्र है। आज यहां से उपाधि प्राप्त स्नातक विद्यार्थियों के लिए देश एवं विश्व में रोजगार के अपार अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपने ज्ञान एवं मूल्यों का प्रयोग कर देश को नई ऊंचाईयों तक ले जाएं।
कार्यक्रम में प्लाक्षा विश्वविद्यालय चंडीगढ के कुलपति प्रो. रूद्रप्रताप ने स्नातक की उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आप केवल डिग्रीधारी नहीं भारत के भविष्य निर्माता भी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को तकनीक का प्रयोग पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लिए भी करने पर जोर दिया। निदेशक आईआईटी जोधपुर प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस दौरान शर्मा ने आईआईटी जोधपुर संस्थान से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। साथ ही, संस्थान के विभिन्न पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण मेधावी विद्यार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में स्वर्ण पदक एवं पुरस्कार प्रदान किए। प्रोफेसर आशुतोष शर्मा (पूर्व सचिव डी.एस.टी, भारत सरकार), विपिन सोंधी (पूर्व एमडी अशोक लैलेण्ड), डॉ. वीके सारस्वत (सदस्य नीति आयोग) को मानद उपाधि प्रदान की गई।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, उद्योग राज्यमंत्री के.के. विश्नोई, विधायक बाबूसिंह राठौड़, भैराराम सियोल, आईआईटी जोधपुर के उप निदेशक प्रो. भवानी कुमार शतपथी सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, विद्यार्थी तथा अभिभावकगण उपस्थित रहे।