विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित न होने के विरोध में भूंख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस के चार विधायक...

विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित न होने के विरोध में भूंख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस के चार विधायक...

कांग्रेस के चार आदिवासी विधायकों ने की एक दिवसीय भूंख हड़ताल 

विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) पर सार्वजनिक अवकाश घोषित न होने से आदिवासी समाज में बढ़ा आक्रोश

बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा, निवास विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले, डिंडोरी विधायक ओमकार मरकाम और शाहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी ने की भूंख हड़ताल 

Syed Javed Ali

मंडला - 9 अगस्त को मनाये जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस में सार्वजनिक अवकाश घोषित न होने से सियासी पारा चढ़ गया है। विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित न होने के विरोध में रविवार 8 अगस्त 2021 को मंडला - डिंडोरी जिले के कांग्रेस विधायक रानी दुर्गावती की प्रतिमा के नीचे 1 दिवसीय भूंख हड़ताल पर बैठ गए है। इसमें निवास विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले, बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा, शाहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी और डिंडोरी विधायक ओमकार मरकाम शामिल हैं। कांग्रेस के विधायक इसे आदिवासियों का अपमान बता रहे है। मामला और तूल तब पकड़ लिया जब मंडला कलेक्टर ने पहले विश्व आदिवासी दिवस पर स्थानीय अवकाश घोषित किया और फिर कुछ घंटे बाद ही उसे निरस्त कर दिया। मंडला - डिंडोरी से कांग्रेस के विधायकों ने 9 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के बहिष्कार का एलान कर दिया है। उनका यह भी कहना है कि जो विधायक 9 अगस्त को विधान  कार्यवाही में शामिल होगा वह आदिवासी विरोधी माना जायेगा।

सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे - डॉ. अशोक मर्सकोले
मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में विश्व आदिवासी दिवस में अवकाश घोषित न होने पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश न होने का विरोध कर रही है तो वहीं भाजपा के आदिवासी नेता इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। अवकाश घोषित न होने के विरोध में मंडला और डिंडोरी जिले के चारों आदिवासी विधायक रानी दुर्गावती की प्रतिमा के नीचे 1 दिवसीय भूंख हड़ताल पर बैठ गए है। ये सभी कांग्रेस के विधायक है। मंडला और डिंडोरी जिले में 5 विधान सभा क्षेत्र है जिनमे से केवल मंडला विधान सभा में भाजपा के विधायक देव सिंह सैयाम है शेष चारों विधान सभा में कांग्रेस के विधायक है जो भूंख हड़ताल पर बैठे है। इनमे निवास विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले, बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा, शाहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी और डिंडोरी विधायक ओंकार मरकाम शामिल है। मंडला जिले की निवास विधान सभा से कांग्रेस के विधायक और आदिवासी महापंचायत के संरक्षक डॉ. अशोक मर्सकोले इसे आदिवासियों का अपमान बता रहे है। हम आदिवासी समाज और क्षेत्र के पूर्ण विकास और सम्मान के लिए हम संकल्पित हैं। ऐसा हमारा संकल्प है कि रोड से लेकर सदन तक इस क्षेत्र के समाज की लड़ाई लड़ेंगे। विश्व आदिवासी दिवस एक ऐसा दिवस है इसे पर्व के रूप में मनाते आए है। मध्य प्रदेश की सरकारों ने पहले छुट्टी घोषित किया, उसे कैंसिल कर दिया। दूसरा  मंडला कलेक्टर ने सभी समाज के लोगों को बुलाकर सहमति बनाई, छुट्टी घोषित की और फिर कैंसिल किया। कलेक्टर का विशेषाधिकार था लेकिन उन्होंने राजनीतिक दबाव में इसे कैंसिल किया। इस सब का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कलेक्टर पर दबाव बनाकर छुट्टी निरस्त करवाई। क्या कलेक्टर को पहली नहीं मालूम था कि ऐच्छिक अवकाश है। मंडला की आदिवासी बहुलता और स्थानीय अवकाश की जानकारी कलेक्टर को नहीं थी क्या ? सब थी कलेक्टर चाहती थी कि वह अपने अधिकारों के तहत आदिवासी समुदाय के हक के लिए उनके सम्मान के लिए 9 अगस्त को छुट्टी घोषित हो। उन्होंने भाजपा के आदिवासी नेताओं को आदिवासी विरोधी बताते हुए कहा कि वे आदिवासियों के हित के लिए कभी नहीं बोलते। हम अपने लिए भूख हड़ताल पर नहीं बैठे है। हम आदिवासी समाज के सम्मान के लिए बैठे हैं। 9 अगस्त से मध्य प्रदेश के विधान सभा सत्र शुरू होने को लेकर भी विधायक नाराज़ है। उनका कहना है कि हम पहले से मांग करते हैं कि 9 अगस्त को सत्र न रखा जाए। हमारा आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व है लेकिन सरकार ने नहीं माना। हमने तय किया है कि हम 9 अगस्त को सत्र में शामिल नहीं होंगे और जो शामिल होगा वह आदिवासी विरोधी कहलाएगा। हम 10 तारीख को सदन की कार्यवाही में शामिल होंगे और सरकार से इस बारे में जवाब मांगेंगे।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासी विरोधी है - नारायण सिंह पट्टा
बिछिया विधानसभा से कांग्रेस के विधायक नारायण सिंह पट्टा ने कहा कि यूएनओ ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया। 9 अगस्त को पूरे देश में इसे एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। हमारे यहां मंडला जिले में लगातार 2017 से प्रशासन और शासन की तरफ से 9 अगस्त को छुट्टी हुआ करती थी। कमलनाथ की सरकार ने तो 9 अगस्त को पूरे मध्यप्रदेश में छुट्टी घोषित किया था जैसे ही मध्यप्रदेश में लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा की सरकार बनी तब से 9 अगस्त की छुट्टी को निरस्त कर दिया गया। हम लगातार राज्यपाल और मुख्यमंत्री से पत्राचार कर 9 अगस्त को छुट्टी घोषित करने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन आज तक न उन पत्रों का जवाब आया न 9 अगस्त को अभी तक छुट्टी घोषित हुई। इसी मांग को लेकर कि पूरे मध्यप्रदेश में 9 अगस्त को छुट्टी हो भूख हड़ताल पर बैठे हैं। हम इस बात को समझ चुके हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासी विरोधी है। यह आदिवासियों का भला नहीं चाहती, आदिवासियों तक शासन की योजनाओं को नहीं पहुंचाना चाहती है, यह इस बात को दर्शाता है जिसके विरोध है जिसके विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

आदिवासियों के साथ छल करने का काम कर रही है भाजपा सरकार - भूपेंद्र मरावी
डिंडोरी जिले से शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी ने कहा कि निश्चित ही विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त मनाया जायेगा। जब कमलनाथ की सरकार थी उस वक्त हर आदिवासी ब्लॉकों में एक लाख रूपये आदिवासी लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्रदान किए गए थे। इस बार भाजपा की सरकार है और भाजपा सरकार आदिवासियों के साथ छल करने का काम कर रही है। हम डिंडोरी से यहां यह बताने के लिए आए हैं हम आदिवासी समाज के साथ पूरी ताकत के साथ हैं। शासन-प्रशासन छुट्टी दे या न दे हम सभी समाज के लोग अच्छे से मनाने काम कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार आदिवासियों के अपमान का काम कर रही है। 

फग्गन सिंह कुलस्ते हमारे समाज के पहले हैं भाजपा के नेता और मंत्री बाद में है - ओमकार सिंह मरकाम 
डिंडोरी विधायक और कमलनाथ सरकार में आदिवासी मामलों के मंत्री रहे ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार लगातर आदिवासियों के हितों को नज़रअंदाज़ कर रहा है। जब प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी तब हमने विश्व आदिवासी दिवस पर न सिर्फ सार्वजनिक अवकाश घोषित किया बल्कि इसके लिए रही भी उपलब्ध कराई। विश्व आदिवासी दिवस पर छुट्टी को निरस्त किया जाना अनुचित और घोर निंदनीय है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फग्गन सिंह कुलस्ते हमारे समाज के पहले हैं भाजपा के नेता बाद में है। हम हमेशा समाज के हित में खड़े रहते है। कुलस्ते जी हमारे समाज के हैं। भाजपा के नेता और मंत्री बाद में है। वो कुलस्ते हैं और मैं मरकाम हूँ. मुझे पूरा भरोसा था कि कुलस्ते जी समाज के हित में बात करेंगे लेकिन कल जब मैं डिंडोरी में भूख हड़ताल पर बैठा था और उन्होंने जिस तरीके से कहा कि ओंकार मरकाम का यह काम ही है, तो मैं कहना चाहता हूं ओमकार मरकाम का काम समाज के हित में है। आप अंदाज क्यों कर रहे हो ? आप प्रदेश सरकार से बात कर करिए, प्रधान मंत्री से बात करिए और छुट्टी घोषित कराने का प्रयास करिए। यदि सिर्फ इसारे में काम करने के लिए मंत्री बना कर रखे हैं तो तो ऐसा पद वो हमारे लिए सुशोभित नहीं होता। मध्य प्रदेश सरकार में जब मैं मंत्री था तो मैं जिस तरीके से कमलनाथ जी से बात करता था अपने समाज के हित में, हम कभी नहीं डरे। आज भी हम कहना चाहते हैं कि कमलनाथ जब डिंडोरी 24 फरवरी को आए थे उन्होंने कहा था कि ओंकार सिंह जरूरत पड़े तो मेरा कुर्ता खींचकर हम से काम लेना पर लेना। यह अधिकार हमको कमलनाथ देते थे, लेकिन आज आप दबे हुए। हमारी आपसे प्रार्थना है, मरकाम तैयार है, आप का सम्मान करेंगे, भाजपा वाले आप का साथ नहीं देंगे। मरकाम हर दुख सुख में आपका साथ देंगे। आइए हम सब मिलकर काम करें।