बिहार के सरकारी स्कूलों में देश भर की तुलना में शिक्षकों की सबसे अधिक सीटें खाली

बिहार के सरकारी स्कूलों में देश भर की तुलना में शिक्षकों की सबसे अधिक सीटें खाली

पटना 
देश के समस्त सरकारी विद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। केन्द्र सरकार की ओर से जारी रिक्तियों के अनुसार पूरे देश मे 10 लाख 60 हजार 139 शिक्षकों के पद खाली हैं। ये जानकारी खुद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में सांसद धर्मवीर सिंह द्वारा अतारांकित प्रश्न के जबाव में दिया है। वर्ष 2020-21 तक पूरे देश में शिक्षकों के 61 लाख 84 हजार 464 पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध अलग-अलग राज्यों में कुल 10 लाख 60 हजार 139 पद रिक्त हैं। इसमें सबसे अधिक शिक्षकों के पद बिहार में रिक्त हैं। वहीं, मिजोरम में एक भी शिक्षक का पद रिक्त नहीं हैं। लक्षदीप में 83 और लद्दाख में 188 पद शिक्षकों के रिक्त हैं। 

बिहार में शिक्षकों की सबसे अधिक सीटें खाली
रिक्तियों के मामले में बिहार पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। जहां शिक्षकों के कुल स्वीकृत 6,88,157 पद के विरुद्ध 2 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में भी दो लाख 17 हजार से अधिक रिक्तियां हैं। वहीं, झारखंड में 95 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। सर्वाधिक सीटें उत्तर भारत के ही राज्यों में उपलब्ध है। 

बिहार में होनी हैं नियुक्तियां 
बिहार सरकार की ओर से प्रारंभिक (एक से आठ) में 94 हजार शिक्षकों का नियोजन होना है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। सभी नियोजन इकाइयों को रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने का निर्देश दिया जा चुका है। बीच में मामला कोर्ट में चले जाने की वजह से थोड़ा विलंब हो गया है। इसके अलावा माध्यम व उच्च माध्यमिक में 30,200 को मिलाकर नियोजन होना है। इसके अलावा अभी हाल में ही बिहार सरकार के आदेश के बाद बिहार बोर्ड ने एसटीईटी की परीक्षा ली है। यह परीक्षा सोमवार को समाप्त हो गयी। इसके माध्यम से भी 33,916 की नियुक्तियां बिहार के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में होगी। 

बिहार में जारी है नियोजन की प्रक्रिया 
बिहार के प्रारंभिक से लेकर प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 1.24 लाख पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षकों के पद भरने हेतु पिछले साल से ही नियोजन प्रक्रिया जारी है, जिसे पूरा नहीं किया जा सका है। हाईस्कूलों में भी शिक्षकों के पद भरने के लिए एसटीईटी की पुनर्परीक्षा अंतिम चरण में है। 

बिहार में शिक्षक बनने की योग्ताएं 
शिक्षक स्नातक(बीएड) अथवा एलीमेंट्री एजुकेशन में डिप्लोमा(डीएलएड) के साथ-साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास अभ्यर्थी शिक्षक बनने के योग्य हो जाते हैं। अब छात्र 12 के बाद सीधे 4 वर्षीय बीए/बीएससी बीएड भी कर शिक्षक बन सकते हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा केंद्रीय स्तर पर सीबीएसई द्वारा साल में दो बार आयोजित होती है। राज्य स्तर पर भी टेट का आयोजन समय समय पर होता है, जिसे पास कर अभ्यर्थी शिक्षक बन सकते हैं। इसमें शिक्षा स्नातक/ डिप्लोमा युवाओं की बहाली की जा सकती है। 

युवाओं के लिए है बड़ा अवसर 
बीएड उतीर्ण छात्र संघर्ष समिति, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने बताया कि देश मे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर नियुक्ति के इंतजार में बैठे हैं। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के खाली पदों के कारण बच्चों के पढ़ाई पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यदि शिक्षकों की बहाली इस विद्यालयों में करा दी जाए तो 10 लाख से अधिक युवाओं की बेरोजगारी समाप्त हो जाएगी तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी उपलब्ध कराया जा सकेगा। 

टॉप टेन रिक्ति वाले राज्य
1. बिहार                2,75,255
2. उत्तर प्रदेश         2,17,481
3. झारखंड              95,897
4. मध्य प्रदेश            91,972
5. पश्चिम बंगाल         72,220
6. छत्तीसगढ़               51,830
7. राज्यस्थान             47,666
8. आंध्रप्रदेश               34,888
9. कर्नाटक                 32,644
10.जम्मू कश्मीर           21,806