लेजर थर्मल स्कैनर की है कमी

लेजर थर्मल स्कैनर की है कमी
praveen namdev जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस व्ही के शुक्ला के युगलपीठ के समक्ष कोरोना वायरस के बचाव व रोकधाम के संबंध में सरकार द्वारा किये गये कार्यो की स्टेटस रिपोर्ट शुक्रवार को पेश की गयी। सरकार द्वारा बताया गया कि लेजर थर्मल स्कैनर की कमी है और जहां से उपलब्ध हो रहे है, उन्हें खरीदा जा रहा है। युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई गुरूवार को निर्धारित करते हुए सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किये है। उल्लेखनीय है कि उक्त याचिका अधिवक्ता सुनील कुमार जैन ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दायर की थी। जिसे सुनवाई के लिए जबलपुर स्थित मुख्यपीठ ट्रांसफर किया गया था। याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस नामक आपदा से निपटने के लिए राज्य की चिकित्सा सेवाओं के रिकार्ड में पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। हाईकोर्ट परिसर के अलावा बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाईजर, मास्क आदि उपलब्ध कराने के कोई इंतजाम नहीं हैं। यदि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाया जाता है तो उनके इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा वाले अस्थाई आईसोलेशन चेम्बर भी मौजूद नहीं हैं। आवेदक का कहना है कि अभी तक पूरी दुनिया में 90 हजार कोरोना वायरस के संदिग्ध पाए गए हैं और 3 हजार से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। आवेदक का दावा है कि सिर्फ टीवी देखकर इस महामारी को फैलने से नहीं रोका जा सकता, इसके लिए सुरक्षात्मक कदम सरकार को उठाने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये जाये। इसके अलावा जबलपुर के अधिवक्ता अमित सोनी इंदौर के सूरज उपाध्याय तथा मुकेश कुमार की तरफ से भी कोरोना वायरस के संबंध में याचिका दायर की गई थी। पूर्व में पारित आदेश के अनुसार उक्त याचिकाओं को सुनवाई के लिए मुख्य पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। याचिकाओं में कहा गया था कि सेनिटाइजर तथा माक्स की कालाबाजारी तथा उपचार तथा बचाव के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने की राहत चाही गई थी। इसके अलावा राज्य अधिवक्ता परिषद तथा अन्य अधिवक्ताओं ने भी युगलपीठ के समक्ष सुझाव पेश किये थे। युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देशित किया गया था कि वह 24 घंटो में लेजर थर्मल स्कैनर की उपलब्धता तथा पेष किये गये सुक्षाव के संबंध में रिपोर्ट पेष किये गये। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता शेखर शर्मा ने पैरवी के लिए उपस्थित हुए। उन्होने युगलपीठ को बताया कि जबलपुर व भोपाल में कोरोना टेस्ट की जांच के लिए लैब है। इसके अलावा तीन अन्य लैब खोलने की अनुमत्ति मिल गयी है। इसके अलावा हर जिलों में आईसोलेशन वार्ड बनाये गये है। अभी तक प्रदेश में कोई कोरोना पीड़ित मरीज नहीं मिला है। इसके अलावा केन्द्र व राज्य द्वारा जारी एडवायजरी तथा विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा पारित किये गये निर्देश का पालन किया जा रहा है। लेजर थर्मल स्कैनर की कमी है ओर जहां से उपलब्ध हो रहे है सरकार खरीद रही है। अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री शर्मा ने बताया कि युगलपीठ ने अपने आदेश में बम्बई व इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार किसी प्रकार की तोड़फोड़ व वसूली का कार्य नहीं करे। वसूली के संबंध में वह हाईकोर्ट में आवेदन कर सकते है। इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर प्रदेष में आने वाले लोगों को स्कैनिंग की जाये। संदिग्ध व्यक्तियों की जांच कर उनका उपचार किया जाये। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये और अनावश्यक रूप से लोग सार्वजनिक क्षेत्र में एकत्र नहीं हो, इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाये। युगलपीठ ने लेजर थर्मल स्कैनर की उपलब्धता तथा कोरोना वायरस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देष जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 26 मार्च को निर्धारित की है।