...तो सक्रिय राजनीति में लौटेंगे कल्याण

...तो सक्रिय राजनीति में लौटेंगे कल्याण
लखनऊ, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राजनीति में सक्रिय होंगे. आज समर्थकों के साथ 87 साल के कल्याण सिंह बीजेपी की सदस्यता लेंगे. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र आज राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ लेंगे. राजभवन में दोपहर 1 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा. कल्याण सिंह सोमवार को लखनऊ पहुंच रहे हैं. जहां यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उन्हें पार्टी कार्यालय लाएंगे और फिर से उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाएंगे. दरअसल पिछले 5 सालों से कल्याण सिंह यूपी की सक्रिय सियासत से बाहर चल रहे थे. माना जा रहा है कि लंबे समय तक पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार कल्याण ने आगे की भूमिका के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है. वहीं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह एक बड़ी भूमिका में नजर आ सकते हैं. बता दें कि इससे पहले कल राजस्थान राजभवन में कल्याण सिंह की विदाई पार्टी हुई. राजभवन के कर्मचारियों ने महामहिम राज्यपाल कल्याण सिंह को विदाई पार्टी दी, जिसमें कल्याण सिंह भावुक हो गए और उन्हें कहा कि मुझसे बीते 5 सालों में कोई गलती हो गई हो तो मुझे माफ कर देना. बताया जा रहा है कि कल्याण सिंह के इन शब्दों को सुनकर राजभवन के कर्मचारियों की आंखें नम हो गईं. बहरहाल, 9 सितंबर को कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश लौट रहे हैं और अपने बीजेपी की सदस्यता को रिन्यू कराएंगे. कल्याण सिंह की तरफ से कहा गया है कि वह सक्रिय राजनीति में एक बार फिर से लौटना चाहते हैं इसी वजह से वह बीजेपी की सदस्यता लेंगे. लखनऊ में कल्याण सिंह के स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राजधानी में कल्याण सिंह के स्वागत के लिए अलीगढ़, हाथरस, एटा, बुलंदशहर और कासगंज के अतिरिक्त पूरे प्रदेश के समर्थक पहुंचेंगे। प्रदेश के कई बड़े नेता भी उनके अभिनंदन के लिए कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। अलीगढ़ से भी कार्यकर्ताओं के बीच इसे लेकर काफी उत्साह है। कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित कल्याण सिंह का जन्म पांच जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में हुआ था। उन्हें भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी। उन्हें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे। सदस्यता ग्रहण करने के बाद कल्याण सिंह अपने पौत्र एवं राज्यमंत्री संदीप सिंह के माल एवेन्यू स्थित आवास पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगे। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में उन्हें राजस्थान का गवर्नर बनाया था। विवादित ढांचे के विध्वंस बाद दे दिया था सरकार से इस्तीफा हिंदू चेहरे के रुप में बड़ी पहचान रखने वाले कल्याण सिंह का राम मंदिर आंदोलन से पुराना नाता रहा है। छह दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में विवादित ढांचे का विध्वंस किया गया तो कल्याण सिंह ने पूरी घटना की जिम्मेदारी खुद ले ली थी और सरकार से इस्तीफा दे दिया था। आने वाले दिनों में यूपी की 13 सीटों पर विधान सभा उप चुनाव होना है। अनुच्छेद 370 के खत्म होने व तीन तलाक कानून बनने के बाद अब नया समीकरण साधने की जुगत में है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि, हिंदुत्व के समीकरण को साधने के लिए कल्याण सिंह की वापसी हो रही है।