‘सम्राट विक्रमादित्य विधि महाविद्यालय’ के नाम से जाना जायेगा नवनिर्मित विधि महाविद्यालय

‘सम्राट विक्रमादित्य विधि महाविद्यालय’ के नाम से जाना जायेगा नवनिर्मित विधि महाविद्यालय
brijesh parmar उज्जैन। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत के मुख्य आतिथ्य तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में आज गुरूवार 8 अक्टूबर को विश्व बैंक परियोजना रूसा के अन्तर्गत नवनिर्मित साढ़े छह करोड़ रुपये की लागत से शासकीय विधि महाविद्यालय का लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत ने उज्जैनवासियों को भव्य विधि भवन कॉलेज की सौगात के लिये बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन्दौर के साथ-साथ उज्जैन में भी निरन्तर विकास कार्य हो रहे हैं। उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में जो भी कमी होगी, उच्च शिक्षा विभाग उसको पूरा करेगा। उनके द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय कैम्पस में 250 सीटर छात्रावास भवन की पूर्व में स्वीकृति प्रदान की गई थी, उसका भी शीघ्र कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत ने कहा कि हमारे देश में कानून सर्वश्रेष्ठ है और ऐतिहासिक विधि महाविद्यालय की उपलब्धी मिलने से छात्रों को कानून की पढ़ाई कर आगे बढ़ेंगे। उनके द्वारा दिव्यांगों के लिये कृत्रिम अंग बनाने का कारखाना का निर्माण किया गया है। इसका विस्तारीकरण करने हेतु अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है। विस्तारीकरण करने के लिये अतिरिक्त भूमि को शीघ्र जिला प्रशासन के द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि नवनिर्मित विधि महाविद्यालय का नाम सम्राट विक्रमादित्य विधि महाविद्यालय के नाम से जाना जायेगा। महाविद्यालय की बाउंड्री वाल एवं देवास मेनरोड से महाविद्यालय तक एप्रोच रोड बनाने के लिये भी 40 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने कहा कि उज्जैन संभाग में जितने भी शासकीय महाविद्यालय हैं, उनमें जो-जो भी संसाधनों की कमी होगी, उन सबको पूरा किया जायेगा। डॉ.यादव ने कहा कि माधव महाविद्यालय भवन 129 वर्ष पुराना है। उस भवन को हैरिटेज भवन बनाया जायेगा। माधव कॉलेज में आर्ट, कामर्स एवं विधि के छात्र विद्याध्ययन कर रहे थे, अब उन्हें आर्ट एवं कामर्स के छात्र को अलग महाविद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है। विधि के छात्र इस नवनिर्मित भवन में शिफ्ट हो जायेंगे। इच्छुक छात्राएं जीडीसी महाविद्यालय में प्रवेश ले सकेंगी। इसी तरह कलेक्टर एवं कमिश्नर कार्यालय कोठी महल में लगता है, वह भी शीघ्र 14 जनवरी के पूर्व कोठी के समीप बन रहे नये भवन में शिफ्ट हो जायेगा। नये न्यायालय भवन के सामने अभी वर्तमान में विक्रम नगर स्टेशन की ओर रिंग रोड पहुंचने का मार्ग था। अब एक और न्यायालय भवन के समीप से रिंग रोड पहुंचने का मार्ग बनाया जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति मानवता के लिये श्रेष्ठ शिक्षा नीति है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जहां आवश्यकता होगी, वहां कॉलेज खोले जायें और जहां कॉलेज हैं, उन्हें और अच्छे से विकसित किया जायेगा। नवीन विधि महाविद्यालय में 10-10 प्रतिशत छात्रों को एलएलबी एवं एलएलएम की सीटों में वृद्धि की जायेगी। सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने इस अवसर पर कहा कि उज्जयिनी में अनादिकाल से शिक्षा का महत्व है। उज्जैन में विकास के कार्य निरन्तर हो रहे हैं और उज्जैनवासियों को सौगातें मिल रही हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके पास एक से एक नये-नये विजन हैं और उसी विजन को लेकर उज्जैन में विकास कार्यों की सौगातें दे रहे हैं। उन्होंने मांग की कि उज्जैन में कृषि महाविद्यालय और मेडिकल कॉलेज भी खोले जायें, ताकि उज्जैन एजुकेशन हब बन सके। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि विधि के क्षेत्र में शिक्षा का बहुत महत्व है। कानून की जानकारी सबको होना चाहिये। युवाओं को एक अच्छी सौगात उज्जैन में विधि महाविद्यालय खुलने से मिली है, जिसका युवावर्ग लाभ ले। उज्जैन में प्राचीनकाल से अनमोल प्रतिभाएं हुई हैं। युवावर्ग उन प्रतिभाओं का अध्ययन कर लाभ ले। श्री विवेक जोशी ने इस अवसर पर कहा कि उज्जैन को जो सौगात मिली है, वह जनप्रतिनिधियों के आपसी समन्वय से संभव हुआ है। विधि महाविद्यालय के खुलने के लिये सबको बधाई एवं शुभकामनाएं दी। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा श्री आरसी जाटवा ने कहा कि उज्जैन जिले में अभी तक 16 शासकीय महाविद्यालय हैं। अब विधि महाविद्यालय खुलने से जिले में अब 17 महाविद्यालय हो गये हैं। कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्वागत भाषण देते हुए विधि महाविद्यालय के प्राचार्य श्री सत्यनारायण शर्मा ने दिया और नवनिर्मित महाविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वर्ल्ड बैंक की रेकिंग में यह भवन प्रथम पास हुआ है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विश्व बैंक परियोजना रूसा के अन्तर्गत स्वीकृत कर शासकीय विधि महाविद्यालय भवन को छह करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से निर्मित हुआ है। यह भवन प्रथम एवं भूतल पर निर्मित है। भूतल का प्लिंथ क्षेत्रफल 2790 वर्गमीटर और प्रथम तल का प्लिंथ क्षेत्रफल भी इतना ही वर्गमीटर है। कुल भवन 5580 वर्गमीटर में है। प्राचार्य श्री शर्मा ने बताया कि भूतल पर छह क्लासरूम, प्राचार्य कक्ष, कार्यालय कक्ष, लायब्रेरी, दो ट्यूटोरियल कक्ष, स्ट्रांगरूम, फेकल्टी रूम, स्पोर्ट्स आफिसर रूम, एनसीसी रूम, लैंग्वेज लैब, पुस्तकाध्यक्ष रूम, पेन्ट्री एवं पृथक-पृथक बालिका व बालक कॉमन रूम व टॉयलेट ब्लॉक आदि का निर्माण किया गया है। इसी तरह प्रथम तल पर छह क्लासरूम, ई-लायब्रेरी, एसेंबली हॉल, चार ट्यूटोरियल कक्ष, लीगल एड रूम, कंसल्टेंसी रूम, प्रशासनिक कार्यालय, फेकल्टी रूम एवं पृथक-पृथक बालिका व बालक टॉयलेट ब्लॉक आदि का निर्माण किया गया है। उक्त भवन निर्माण की निर्माण एजेन्सी परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग थी। कार्यक्रम के पूर्व अतिथियों ने विधि महाविद्यालय का फीता काटकर एवं विधिवत पूजन-अर्चन कर लोकार्पण किया। तत्पश्चात मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर श्री बहादुरसिंह बोरमुंडला, पूर्व महापौर श्री मदनलाल ललावत, श्री रूप पमनानी, श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, श्री सनवर पटेल, कलेक्टर श्री आशीष सिंह, विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों का महाविद्यालय के प्राचार्य श्री सत्यनारायण शर्मा, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा श्री आरसी जाटवा आदि ने पुष्प मालाओं से स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.जफर मेहमूद ने किया और अन्त में आभार श्री हर्षवर्धन यादव ने प्रकट किया।