धरने पर बैठीं विधायक, दीं आन्दोलन की चेतावनी

धरने पर बैठीं विधायक, दीं आन्दोलन की चेतावनी
surendra tripathi उमरिया, जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के संचालक की गुंडागर्दी से परेशान ग्रामीण और विधायक, 150 गांवों के ग्रामीणों की समस्या को लेकर मानपुर भाजपा विधायक मीना सिंह ने दिया धरना साथ ही चेतावनी भी दीं कि यदि नियम पर नहीं हुआ काम तो और बड़ा आन्दोलन होगा | ज्ञापन लेने आये नायब तहसीलदार कहे कि इस ज्ञापन को उच्च अधिकारी के माध्यम से आगे भेज दिया जाएगा | उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व विश्व के मानचित्र पर अपना अलग स्थान रखता है लेकिन जब से संचालक के पद पर मृदुल पाठक की पदस्थापना हुई है तब से बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व कुप्रबंधन का शिकार हो गया है, इतना ही नहीं इनके आने बाद बहुत से बाघों की मौत हो चुकी है | इनकी मनमानी के चलते गाईड और जिप्सी यूनियन भी हड़ताल कर चुका है लेकिन उनकी हड़ताल को भी अपनी गुंडागर्दी के दम पर कुचला गया, बांधवगढ़ में महावत के पद पर नियमित भर्ती हो या गाईडों की भर्ती हो सभी में अपने रिश्तेदारों और चाहने वालों की नियम विरुद्ध भर्ती कर सभी को उपकृत किये और पार्क सीमा से लगे 150 गांवों के आदिवासी ग्रामीण बेरोजगार घूम रहे हैं जब की वो अपनी जमीन भी पार्क को दे चुके हैं अब उनके पास आमदनी का कोई जरिया भी नहीं बचा | वहीँ कोर जोन और बफर जोन से इनकी मिली भगत से अवैध रेत का भी उत्खनन जोरों पर चल रहा है उसके साथ बाहर से आने वाले रेत माफियाओं को तत्काल एन ओ सी दे दी जा रही है जबकि सरकारी कामों के लिए रेत की एन ओ सी माँगने पर 6 माह से 1 साल तक नहीं दिया जाता है वहीँ क्षेत्रीय विधायक की भी अनदेखी पार्क संचालक द्वारा की जा रही है जिससे व्यथित होकर मानपुर 90 विधानसभा क्षेत्र की विधायक मीना सिंह ने मोर्चा खोल दिया और मेन गेट के सामने ग्रामीणों और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गईं, और चेतावनी भी दीं कि यदि पार्क का संचालन नियमों पर नहीं हुआ तो आगे और बड़ा आन्दोलन किया जाएगा | विधायक के धरने पर बैठने के बाद ज्ञापन लेने आये ताला वृत्त के नायब तहसीलदार दिलीप सिंह कहे कि हम इस ज्ञापन को उच्च अधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल महोदय तक भेज देंगे | गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के संचालक मृदुल पाठक की मनमानी और कुप्रबंधन के चलते वन्य जीवों की मौत तो हो ही रही है उसके अलावा ग्रामीण और क्षेत्रवासी भी परेशान हैं वहीँ हर वर्ष मिलने वाले 15 करोड़ रुपये के बजट का भी जम कर बंदरबांट होता है, ऐसे में आवश्यकता है उच्चस्तरीय जांच की और कार्यवाई की ताकि देश की धरोहर बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व सुरक्षित रह सके |