कोरोना संक्रमण खतरे से जिस वार्ड मेंं जाने से डर रहा हर कर्मचारी वहां कलेक्टर ने खुद पहुंचकर संभाला मोर्चा

कोरोना संक्रमण खतरे से जिस वार्ड मेंं जाने से डर रहा हर कर्मचारी वहां कलेक्टर ने खुद पहुंचकर संभाला मोर्चा

वार्ड 47 में कलेक्टर ने घर-घर जाकर लोगों से पूछा हालचाल, कहा- खांसी, जुकाम हो तो तत्काल बताएं इलाज मिलेगा।

awdhesh dandotia मुरैना। कोरोना संक्रमण खतरे के कारण जिस वार्ड क्रमांक 47 में हर कर्मचारी जाने से डर रहा है वहां कलेक्टर प्रियंकादास ने खुद पहुंचकर वार्ड के लोगों से चर्चा की। शहर का वार्ड क्रमांक 47 वही इलाका है जहां के 12 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एहतियात के तौर पर कलेक्टर ने इस वार्ड को तीन दिन पहले नो मूवमेंट जोन घोषित कर दिया है। वार्ड से एक साथ 12 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं इसलिए कर्मचारी भी वहां जाने से डर रहे हैं। इस डर को कम करने के लिए कलेक्टर प्रियंकादास नगरनिगम आयुक्त व अन्य प्रशासनिक अमले को लेकर इस वार्ड में पहुंच गईं। यहां पहुंचकर कलेक्टर ने न केवल व्यवस्थाओं का जायजा लिया बल्कि हर घर के दरवाजे पर जाकर लोगों से उनका हालचाल जाना। कलेक्टर ने वार्ड क्रमांक 47 में रह रहे लोगों के घर के दरवाजे पर जाकर उन्हें बाहर बुलाया और पूछा कि किसी भी व्यक्ति को खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण हैं तो तत्काल हमें बताएं किसी भी प्रकार से डरने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे लक्षण पाए जाने वाले व्यक्ति को पूरा इलाज दिया जाएगा। वार्ड के लोगों से कलेक्टर ने उनके भोजन व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली साथ ही वहां राशन आदि का वितरण भी कराया। कलेक्टर ने वार्ड के लोगों से कहा कि यहां कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं इसलिए इस वार्ड को नो मूवमेंट जोन बनाया गया है लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन की टीम इस वार्ड में हर समय तैनात है। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की भी आवश्यकता है तो वह मदद ले सकता है। वार्ड में आना-जाना एहतियात के लिए प्रतिबंधित किया गया है ताकि कोरोना अपने शहर व जिले में पांव न पसार सके। कलेक्टर ने तकरीबन एक घंटे से अधिक समय इस वार्ड में भ्रमण किया और लगभग हर व्यक्ति से परेशानियों के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर ने यह भी पूछा कि यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम परीक्षण के लिए पहुंच रही हैं या नहीं इस सवाल पर लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम हर घर में स्वास्थ्य परीक्षण कर रही हैं। कलेक्टर के नेतृत्व में रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वार्ड 47 के 1500 से अधिक घरों में इस बात की पूछताछ की कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना संबंधित लक्षण तो नहीं है। इस पूछताछ में एक भी व्यक्ति खांसी, जुकाम या बुखार से पीडि़त नहीं मिला है। वार्ड 47 के हर घर में होगी मार्किंग : कलेक्टर प्रियंकादास ने शहर के वार्ड नं.47 में निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारियों को हिदायत दी कि वह जिस भी घर में स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं उस घर के दरवाजे पर मार्किंग की जाए जिससे यह पता लग सके कि कौनसा घर स्वास्थ्य परीक्षण से छूट गया है। इसके अलावा कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इस वार्ड के हर गली-मौहल्ले में एनाउंसमेंट इस बात का कराया जाए कि स्वास्थ्य विभाग की टीम से कोई घर छूट गया है तो वह खुद कोरोना रोकथाम के लिए बनाए गए कंट्रोलरूम पर कॉल करके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए सूचना दे सकता है। वार्ड नं. 47 से सटे इलाकों में भी पहुंचेगी स्वास्थ्य विभाग की टीम : कलेक्टर प्रियंकादास ने इस बात के भी स्पष्ट निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दे दिए हैं कि वार्ड क्रमांक 47 के अलावा इससे इलाके सटे अन्य वार्डों में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचाई जाकर लोगों से जानकारी ली जाए कि वहां कोई खांसी, जुकाम या कोरोना से संबंधित अन्य लक्षणों से ग्रसित तो नहीं है। यह व्यवस्था इसलिए बनाई जा रही है ताकि कोरोना फैलने की कोई आशंका न रहे। भूखों को रोटी देने बच्चों ने कलेक्टर को सौंप दी अपनी गुल्लक : कोरोना संक्रमण के बाद जिले में कफ्र्यू लगा दिया गया है। इस कारण कई लोग ऐसे हैं जिन्हें रोजी-रोटी का संकट झेलना पड रहा है। हालांकि ऐसे लोगों के लिए प्रशासन व शहर की समाजसेवियों की टीम लगातार काम कर रही हैं और उन्हें राशन व भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन शहर के बच्चे भी जनसेवा में पीछे नहीं है। उन्होंने अखबार व न्यूज चैनल के माध्यम से शहर के हालातों को समझा तो अपनी-अपनी गुल्लक लेकर कलेक्टर प्रियंकादास के समक्ष पहुंच गए। शहर के दो नन्हे बच्चे संयम पाराशर व उसकी बडी बहन आस्था पाराशर अपने परिजन के साथ अपनी-अपनी गुल्लक के लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे और उन्होंने दोनो गुल्लकर कलेक्टर को सौंपते हुए कहा कि इस पैसे से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया जाए। बच्चों में जनसेवा की भावना देखकर कलेक्टर ने अपनी सीट से उठकर इन बच्चों को दुलार किया और उन्हें उपहार स्वरूप चॉकलेट देते हुए धन्यवाद भी ज्ञापित किया। यह दोनो बच्चे दत्तपुरा इलाके की पटी गली में निवास करने वाले महेश पाराशर के हैं। ननि आयुक्त ने शहर में बना दिया सेनेटाइजर जोन : कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए नगरनिगम अमला भी जी-जान से मेहनत में जुटा है। नगरनिगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता ने फील्ड में काम कर रहे सभी अधिकारी व कर्मचारियों की चिंता करते हुए शहर के पुराना बस स्टेंड स्थित नगरनिगम के गाडी अड्डा में सेनेटाइजर जोन बनवा दिया है। इस सेनेटाइजर जोन में जाकर व्यक्ति पूरी वॉडी को सेनेटाइज करा सकता है। यहां तीन-चार पंखे लगाए गए हैं जो पानी की फुआर छोडते हैं। इस पानी में हाईपोक्लोराइड व सेनेटाइजर मिलाया गया है जो पूरे शरीर को हल्का भिगो देता है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहता। यह व्यवस्था फील्ड में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ननि आयुक्त अमरसत्य गुप्ता ने सुनिश्चित कराई है। इस सेनेटाइजर जोन में रविवार की दोपहर कलेक्टर प्रियंकादास सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारी भी पहुंचे और खुद को सेनेटाइज किया। कोरोना पॉजिटिवों की संख्या 12 पर स्थित अब सभी रिपोर्ट आईं निगेटिव : कोरोना पॉजिटिवों की संख्या जिले में अभी 12 पर ही स्थिर हैं। रविवार को जिन सेंपलों की रिपोर्ट आई है वह सभी निगेटिव हैं। मुरैना में अब तक कुल 42 लोगों के सेंपलों की रिपोर्ट आई है जिनमें 12 पॉजिटिव व 30 निगेटिव मिले हैं। शेष 42 सेंपलों की रिपोर्टों का अभी इंतजार है। लेकिन खास बात यह है कि आज जिन सेंपलों की जांच रिपोर्ट आई है वह उन लोगों की हैं जो कोरोना संक्रमित मरीजों के परिवार के ही हैं। इससे आशा जाहिर की जा रही है कि अब कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका कम ही रहेगी। इसके अलावा जिले में बाहर से आए लोगों को लगातार क्वारेंटाइन कराया जा रहा है। रविवार तक कुल 29 हजार 370 लोगों को क्वारेंटाइन कराया जा चुका है। जबकि 58हजार 700 लोगों की थर्मोस्क्रीनिंग की जा चुकी है। सभी डॉक्टर्स की रिपोर्ट आई निगेटिव कोरोना संक्रमित 12 मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों का भी सैम्पल जांच के लिए भेजा गया था। खुशी की बात यह है कि इन सभी डॉक्टर्स की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जांच के लिए सैम्पल डॉ. राघवेन्द्र यादव, डॉ. योगेश तिवारी, डॉ. अजय गोयल व एक अन्य का भेजा गया था। इन सभी डॉक्टर्स की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। यहां बता दें कि डॉक्टर्स की सेंपल भेजे जाने के बाद से अफवाह फैल रही थी कि जिला अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स भी कोरोना संक्रमित है लेकिन रविवार को आई जांच रिपोर्ट ने सभी अफवाहों पर विराम लगा दिया।