राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान की प्रक्रिया को बताया गलत, मंत्री से शिकायत की

राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान की प्रक्रिया को बताया गलत, मंत्री से शिकायत की
भोपाल, राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए प्रदेश के 25 शिक्षकों का चयन हुआ है। इस पुरुस्कार की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। समग्र शिक्षक व्याख्याता प्राचार्य कल्याण संघ ने इस समारोह की प्रक्रिया को गलत बताते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से शिकायत की है। संघ के अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि जो टीचर काम से मुंह चुराकर स्कूल में पढ़ाने के बजाय डीईओ और डीपीआई दफ्तर में बैठे रहे। स्कूल में पढ़ाया दूसरे शिक्षकों ने और सम्मान के लिए दूसरे शिक्षक का चयन हो गया। इसकी वजह है कि भोपाल के चयनित हुए शिक्षक राधाकृष्णन केसी लोक शिक्षक संचालनालय की जिस शाखा में बैठते थे। वहीं शिक्षक पुरुस्कार की प्रक्रिया सम्पन्न की जाती है। उन्होंने अपना नाम शामिल करा लिया। इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री से शिकायत की जा रही है। इस बार राज्य स्तरीय शिक्षक पुरुस्कार के लिए जिन शिक्षकों का चयन किया गया है। उनमें आगर मालवा की अनीता जैन, अशोकनगर के शिवपाल सिंह यादव, बड़वानी के रामचंद्र चौहान, भिंड के सत्यभान सिंह भदोरिया, भोपाल के राधा कृष्ण केसी, छतरपुर के संजय कुमार जैन, छिंदवाड़ा के अनिल कुमार कोठेकर, दमोह के माधव पटेल, दतिया के अनिल कुमार दुबे, देवास के विकास महाजन, डिंडोरी के संजय कुमार तिवारी, खंडवा के जगदीश गौर, गुना के प्रकाश शर्मा, इंदौर की सुनैना शर्मा, खरगोन के नरेंद्र कर्मा, नरसिंहपुर के नारायण प्रसाद गुप्ता, नीमच के शोएब खान, पन्ना के विनीत कुमार द्विवेदी, राजगढ़ के नरेंद्र कुमार राठौर, रतलाम के सुभाष कुमावत, रीवा के डॉ. नीरज कुमार पांडे, सागर की सरोज प्रजापति, सतना की डॉ.अर्चना शुक्ला, शहडोल के श्रद्धानंद दुबे, सीधी की अजीता द्विवेदी को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है प्रदेश के स्कूलों में कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक कभी भी सम्मान के लिए आवेदन ही नहीं करते। जिन्हें दिखावे का शौक है वे अपने कागज तैयार कराकर सम्मान पा लेते हैं। राज्य के प्रशासनिक मुख्यालय में ही ऐसा हुआ है। विभाग को खुद उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को खोजकर उनका चयन शिक्षक पुरुस्कार के लिए करना चाहिए।