brijesh parmar
उज्जैन।सिंहस्थ नगरी उज्जैन में शैव संप्रदाय के छावनी सथल पर गंगा दशहरे के अवसर पर नीलगंगा सरोवर में 13 अखाड़ों के संतों ने शाही स्नान किया है। नीलगंगा सरोवर पर एकत्रितहुए शैव एवं वैष्णव संप्रदाय के साधु संतों को देखकर सिंहस्थ का नजारा बन पड़ा था। इस पल को देखने के लिए हजारों धर्मालुजन यहां उपस्थित थे।
शैव संप्रदाय के छावनी स्थल नीलगंगा पर सिंहस्थ 2016 के समय से ही निर्माण कार्य जारी है।यहां तीन मंजिला शिवलिंग आकार का भवन बनाया गया है। साथ ही नीलगंगा सरोवर का गहरीकरण करने के बाद बीच में मां गंगा और लक्ष्मीजी की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। गंगा दशहरे के अवसर पर सुबह अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी महाराज,जूना अखाड़ा के महंत हरिगिरी महाराज, साध्वी चेतनागिरी सहित 13 अखाड़ों के प्रमुखों द्वारा स्नान पूजन किया गया। साधु संतों के शाही स्नान को देखने के लिये बडी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे। एक साथ इतनी संख्या में साधुओं की मौजूदगी देखकर लोगों में उत्साह बना रहा। जगतगुरु पंचानंद गिरी महाराज ने बताया कि स्कंद पुराण के अवंति खंड में नीलगंगा सरोवर का जिक्रहै। इसके किनारे हनुमानजी की माताजी अंजनी देवी का आश्रम है और जब गंगा नीली (प्रदूषित) हुई तो वह नीलगंगा सरोवर में प्रकट होकर शिप्रा में मिली, जिससे उसका वर्ण फिर से साफ हो गया। इससरोवर के इसी धार्मिक महत्व के कारण सिंहस्थ में आने वाले अखाड़ों के साधु-संत इसके किनारे डेरा डालते हैं और इसके बाद सिंहस्थ क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। इसके किनारे जूना अखाड़ा ने अपनी नईपीठ बनाई है। तीन मंजिला शिवलिंग आकार के भवन का लोकार्पण गंगा दशहरा पर महायोगी पायलट बाबा के हाथों होगा, जो इसके पीठाधीश्वर भी होंगे।
उज्जैन का नीलगंगा सरोवर देखभाल के अभाव में शहर की गंदगी से पट गया था। सिंहस्थ में इसका सौंदर्यीकरण तो हुआ लेकिन सफाई और गहरीकरण नहीं होने से इसमें गंदा पानी भर गया था। पीठनिर्माण के साथ सरोवर का गहरीकरण कराया गया। गंदा पानी निकालकर सुखाया और फिर खुदाई शुरू की। नतीजा सरोवर का प्राकृतिक स्रोत शुरू हो गया। आज इसमें इतना साफ पानी है कि हम सबइसमें स्नान के साथ आचमन भी कर रहे हैं।
उज्जैन की पावन धरा पर उतरी नीलगंगा, महानाट्य का मंचन-
गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर मंगलवार को उज्जैन की पावन धरा पर नीलगंगा उतर आई। इस मौके पर नीलगंगा मैदान पर नीलगंगा नाट्य का मंचन हुआ । मिश्रा बंधुओ की भजन संध्या काआयोजन किया गया। नीलगंगा मैदान पर महा नाटक नीलगंगा के मंचन में प्रसिद्ध नृत्यांगना पलक पटवर्धन के निर्देशन में नाटक हुआ। जिसमें मां नीलगंगा की उत्पत्ति से लेकर नीलगंगा सरोवरऔर जूना अखाड़ा के बारे में बताया गया।
वहीं प्रयागराज के प्रसिद्ध भजन गायक मिश्र बंधु की भजन संध्या भी रात में हुई। इससे पहले पंच दशनाम जूना अखाड़ा नीलगंगा घाट पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज, जूनाअखाड़ा के मुख्य संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि जी महाराज, पायलट बाबा सहित संतों ने नीलगंगा का पूजन अभिषेक किया।