नियमों की अवहेलना कर दिया गया जौरा में अस्थाई दखल ठेका

नियमों की अवहेलना कर दिया गया जौरा में अस्थाई दखल ठेका
awdhesh dandotia मुरैना/जौरा। नगर परिषद में अध्यक्ष एवं सीएमओ ने नियमों की अवहेलना कर अस्थाई दखल ठेका देने के लिये दी आईसी को भी बदलने की जन चर्चाऐ है। उक्त मामले में धर्मेन्द्र व्यास नामक व्यक्ति द्वारा भी लिखित शिकायत एसडीएम नीरज शर्मा से की है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर परिषद द्वारा 4 माह की अवधि के लिये अस्थाई दखल का ठेका दिये जाने के लिये विज्ञप्ति का प्रकाशन कराने के बाद मात्र दो ही टेंडर प्राप्त हुए। विज्ञप्ति में ठेके की शासकीय बोली 5 लाख रूपये रखी गई थी। यानि कि 5 लाख से कम बोली आने पर नियमानुसार टेंडर स्वीकृत नहीं होगे। साथ ही तीन टेंडर आना भी आवश्यक माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि दो-दो टेंडर प्राप्त हुए उनमें एक में तीन लाख तथा दूसरे में 2 लाख 60 हजार की बोली आई। लिहाजा नियमों की अवहेलना कर सीएमओ द्वारा तीन लाख की बोली वाले टेंडर को स्वीकृत कर बाजार वसूली का कार्यादेश भी ठेकेदार को जारी कर दिया। प्रकरण में जानकारों का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में प्रारंभ से ही नियमों को ताक पर रखा गया है। सर्व प्रथम तो 2 लाख से ऊपर की राशि के लिये टेंडर प्रक्रिया ऑन लाईन करना चाहिऐ। साथ ही प्रकरण में पीआईसी की स्वीकृति आवश्यक थी। नगर परिषद अधिनियम 1961 की धारा 160 में उक्त प्रावधान है। क्योंकि पूर्व में पीआईसी द्वारा ठेके पर वसूली प्रक्रिया करने से इंकार कर चुकी है। प्रकरण में सूत्रों द्वारा बताया है कि 2 दिसम्बर 2019 को अध्यक्ष द्वारा बोली की स्वीकृति पीआईसी की पुष्टि की प्रत्याशा में दी गई है। जबकि 29 नवम्बर 2019 को पीआईसी की बैठक में पहले से उक्त बिन्दु को मिली भगत से षड्यंत्र पूर्वक एडवांश में ही क्यों रखा गया। जन चर्चाऐ तो यह भी है कि 28 नवम्बर 2019 को प्रकरण को पास कराने के लिये पीआईसी को बदल दिया। विशम्भर अग्रवाल एवं श्रीमती कमलेश शाक्य को हटाकर श्रीमती अलका अग्रवाल व टीकाराम गोतम को शामिल किया गया। नियम विरूद्ध ढंग से ठेके का कार्यादेश की खबर आमजनों को लगने के बाद धर्मेन्द्र व्यास द्वारा लिखित शिकायत एसडीएम नीरज शर्मा से करने पर जब प्रकरण की नस्ती मंगवाने पत्र सीएमओ को भेजा गया तो उल्टे सीएमओ संतोष सिहोरे ने एसडीएम को ही एक पत्र भेज दिया। जिस पर से एसडीएम ने पुन: पत्र भेजकर लिखा है कि नस्ती नही भेजी गई तो पुलिस से रिकॉर्ड को जप्त कराया जायेगा। तब कही जाकर 5 दिसम्बर 2019 की शाम उक्त नस्ती को एसडीएम कार्यालय भिजवाया गया। इसी बीच शिकायतकर्ता धर्मेन्द्र व्यास ठेकेदार द्वारा बाजार में नियम विरूद्ध मनमाने ढंग से व्यापारियों से 3 रूपयों के 10 रूपये लेने की रसीदे भी एसडीएम को दी है। इनका कहना है :- धर्मेन्द्र व्यास की शिकायत पर से बाजार वसूली ठेके की नस्ती को मंगवाया गया है। प्रथम दृष्टया नियमों की अवहेलना का मामला है। उचित कार्यवाही के लिये प्रकरण को जिलाधीश महोदय की तरफ भेज रहे है। नीरज शर्मा, एसडीएम जौरा