रेलवे स्टेशन पर कोरोना संक्रमित मरीज मिलने की खबर से मचा हडक़ंप

रेलवे स्टेशन पर कोरोना संक्रमित मरीज मिलने की खबर से मचा हडक़ंप
amjad khan शाजापुर। रेलवे स्टेशन पर कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज के मिलने की सूचना से शहर में हडक़ंप मच गया। सायरन बजाते हुए स्वास्थ्य विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और संदेही मरीज को एम्बुलेंस में बैठाकर ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया। विश्वभर में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है और अब भारत में इस वायरस से पीडि़त मरीजों के मिलने पर देश में भी हाई अलर्ट जारी हो गया है। ऐसे में मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस की आहट से कमलनाथ सरकार अलर्ट हो गई है और प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के अमले को सक्रिय कर दिया गया है, जिसके चलते विभागीय अधिकारियों ने शाजापुर स्टेशन पर पहुंचकर चिकित्सा व्यवस्था की सुदृढ़ता परखने के लिए मॉकड्रिल की और एम्बुलेंस की मदद से संदेही मरीज को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में भी कोरोना वायरस की दस्तक को लेकर सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अमले को गंभीरता से कार्य करने को कहा है। वहीं शाजापुर कलेक्टर डॉ वीरेंद्रसिंह रावत ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर के इस निर्देश के बाद बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश फुलंब्रीकर अपनी टीम के साथ अचानक एम्बुलेंस का सायरन बजाते हुए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और यहां डेमों मरीज को मॉस्क लगाकर ट्रामा सेंटर में भर्ती करा दिया। सीएमएचओ फुलंब्रीकर ने बताया कि कलेक्टर डॉ रावत ने नोवेल कोरोना वायरस के संबंध में सर्तकता बरतने और जागरूकता फैलाने के लिए निर्देश दिए हैं जिसके मद्देनजर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सघन जांच की व्यवस्था की गई है। फुंलब्रीकर ने बताया कि संदेही मरीज की आसानी से पहचान कर उसे इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचाया जा सके, इसको लेकर मॉकड्रिल की गई। इस मॉकड्रिल के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मचारियों की सक्रियता की परख भी हो गई। नियंत्रण और रोकने के उपाय कलेक्टर डॉ रावत ने स्वास्थ्य विभाग के अमले को निर्देश दिए हैं कि जल्दी रोग की पहचान और संक्रमण के स्त्रोत का नियंत्रण करें। स्वास्थ्यकर्मी रोग की जानकारी रखें, जिससे संभावित मरीज की जल्दी पहचान हो सके। जांच के लिए प्रश्नावली तैयार करें। रोग के लक्षणों और रोकने के उपायों का प्रचार-प्रसार करें। खांसते, छींकते समय मुंह या रूमाल कपड़ा आदि लगाएं या कोहनी से नाक मुंह को ढंके। संभावित ऐनसीओवी मरीज को अन्य मरीजों से अलग आइसोलेशन वार्ड में रखें। संभावित ऐनसीओवी के मरीज को मास्क पहनने की सलाह दें। मरीज के सम्पर्क में आने से पहले व बाद में हाथ धोवें। कोरोना वायरस के मरीज ये सावधानियां बरतें संभावित मरीज में परिवार के सदस्य, मिलने-जुलने वाले लोग तथा देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मी मॉस्क पहनें और बार-बार हाथ धोवें। मरीज को अलग एक स्वच्छ हवादार आइसोलेट कमरे में रखें, यदि यह संभव न हो तो सभी संभावित एक ही प्रकार के लक्षणों वाले मरीजों को एक ही कमरे में रखें। दो मरीजों में पलंग के बीच की दूरी का अंतर कम से कम 1 मीटर होना चाहिए। जहां तक संभव हो स्वास्थ्यकर्मियों का एक प्रथक से समूह बनाकर उन्हीं से संभावित मरीजों की देखभाल कराएं। साफ लम्बे बांह वाले गीले न होने वाले गाउन व दस्ताने का इस्तेमाल करें। निरंतर हाथ को आंख, नाक व मुंह पर न लगाएं और मरीज को अनावश्यक घूमने फिरने न दें।