आरईएस अधिकारियों ने ठेके पर बेचे मनरेगा के काम-रामजीलाल

आरईएस अधिकारियों ने ठेके पर बेचे मनरेगा के काम-रामजीलाल

श्रमिकों का हक मारने वालों पर बरसे पूर्व संसदीय सचिव

abdul rahman khan घोड़ाडोंगरी । जिले के आदिवासी अंचलों में चल रहे मनरेगा के तालाब निर्माण के विभागीय काम ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधिकारियों द्वारा ठेके पर बेच कर आदिवासी श्रमिकों का हक मारा जा रहा है। उपरोक्त आरोप पूर्व संसदीय सचिव रामजीलाल उइके ने लगाये है। उन्होने कहा कि अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से मस्टररोल में फर्जी हाजरी भरी जा रही है और सामग्री मद में फर्जी विक्रेताओं के मनमाने बिल लगाकर आहरण किया जा रहा है। आरईएस के कार्यपालन यंत्री एवं सब डिवीजन के सहायक यंत्री पर मजदूरों के हित मारने के मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर कार्यवाही कराने की बात कही है। दो बार विधायक रहे आदिवासी नेता श्री उइके ने बुधवार को जारी अपने बयान में विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि अधिकारी समझ लें कि अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है और इस सरकार में किसान, आदिवासी और श्रमिकों का शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होने कहा कि आरईएस के घोड़ाडोंगरी-शाहपुर सब डिवीजन में ही मनरेगा योजनांतर्गत विभागीय स्तर पर विभिन्न ग्रामों में लगभग 15 स्थानों पर तीन करोड़ से अधिक की लागत से तालाब निर्माण के कार्य प्रगति पर हंै। इन कार्यों का मूल उद्देश्य श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान करते हुए जल संरक्षण हेतु संरचनाओं का निर्माण करना है। लेकिन इनमें से अधिकांश कार्य आरईएस विभाग द्वारा अघोषित रूप से अवैध ठेकेदारों के हवाले कर दिए गए हैं। आरईएस के अधिकारियों द्वारा अवैध ठेकेदारों से मिलीभगत कर कार्यों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। अवैध ठेकेदारों द्वारा अपने मेट लगाकर प्रतिदिन सैकड़ों फर्जी हाजरी अपने कर्मचारियों या सगे संबंधियों के नाम की भरी जा रही है। बहुत से लोग जिन्होंने वास्तव में काम ही नहीं किया है, उनके नाम की हाजरी मस्टररोल में चढ़ाई जा रही है और सामग्री मद में होने वाले व्यय में भी फर्जी विक्रेताओं के मनमाने बिल लगाकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इन अनियमितताओं की वजह से वास्तविक श्रमिकों का हक मारा जा रहा है और शासन को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पूर्व संसदीय सचिव श्री उइके ने भ्रष्टाचार करने वालों को चेताते हुए कहा कि भाजपा के शासन मे ईमानदारी से काम करने वाले ही जिले में रहें, भ्रष्टाचार की मंशा रखने वाले जिले से स्वयं अपना स्थानांतरण अन्यत्र करवा लें। उन्होने पूरे मामले को विस्तार से मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने की बात कही है।