चुनाव के समय राहुल का विेदेश जाने के मायने..!

चुनाव के समय राहुल का विेदेश जाने के मायने..!
नई दिल्ली, क्या कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद राहुल गांधी अपने करीबियों की राजनीतिक उपेक्षा से आहत हैं? महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में उनका विदेश चले जाना इस तरह की अटकलों को बल दे रहा है। विपक्ष का दावा है कि राहुल गांधी बैंकॉक गए हैं, हालांकि कांग्रेस के सूत्र यह तो मान रहे हैं कि वह देश में नहीं हैं, लेकिन बैंकॉक जाने के दावे को खारिज कर रहे हैं। राहुल गांधी के पिछले सप्ताह विदेश जाने की चर्चाओं के बीच अब यह बात सामने आ रही है कि पार्टी में अपने करीबियों की उपेक्षा से राहुल नाराज हैं। इंडियन एक्सप्रेस अखबार में प्रकाशित एक कॉलम में कहा गया है कि कुछ कांग्रेस नेताओं को लगता है कि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी में हाल के घटनाक्रम से काफी नाखुश हैं। इन नेताओं  बातचीत में राहुल की विदेश यात्रा को उनके द्वारा संगठन में नियुक्त किए गए नेताओं की उपेक्षा से जोड़ा है। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने शनिवार को पार्टी छोड़ दी। वह राहुल गांधी के काफी करीबी रहे हैं। तंवर ने पार्टी छोड़ने वक्त कहा कि कांग्रेस में उन युवा नेताओं को हटाने की साजिश चल रही है, जिन्हें राहुल गांधी ने तैयार किया था। तंवर को पहले पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाया गया और उनकी जगह शैलजा को यह जिम्मदारी दी गई। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान करके पार्टी ने तंवर को संकेत दे दिया। तंवर से पहले मुंबई कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम ने भी पार्टी में राहुल गांधी के करीबियों के खिलाफ साजिश का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि राहुल के करीबियों के खिलाफ साजिश कांग्रेस को बर्बाद कर देगी। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि राहुल के चहेते अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस में साइडलाइन हो गए हैं। इसके अलावा यह भी आरोप लग रहे हैं कि महाराष्ट्र और हरियाणा में युवा कांग्रेस के लोगों को उस अनुपात में टिकट नहीं मिले हैं जितने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिले थे।