जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों का वनपाल को वरदहस्त, शिकायतें हुई जांच नहीं

जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों का वनपाल को वरदहस्त, शिकायतें हुई जांच नहीं

पांच वर्ष, बडनगर महिला वन पाल की 6 शिकायतें, फिर भी विभाग की स्नेह पात्र

brijesh parmar उज्जैन।वन विभाग में शिकायतकर्ता सीधे तौर पर झूठे और विभाग के अधिकारी,कर्मचारी सत्यवादी की तर्ज पर काम किया जा रहा है।पिछले पांच वर्ष में बडनगर की महिला वन पाल की 6 शिकायतें पुखता आधारों पर हुई लेकिन विभाग के अधिकारियों की स्नेहपात्र अधिकारी की एक भी जांच नहीं हुई।महिला वन पाल वहीं की वहीं बनी हुई हैं।अब तो फरियादी भी दबाव में हैं। उज्जैन वनमंडल अंतर्गत बडनगर सब रेंज में महिला वन पाल मनीषा गोस्वामी के विरूद्ध वर्ष 2015 से शिकायतों का क्रम जारी है।अब तक उनके खिलाफ विभाग के अधिकारियों को आधा दर्जन शिकायतें हो चुकी हैं। इन शिकायतों में गंभीर आरोप पुख्ता स्थिति में शिकायतकर्ताओं ने शपथ पत्र के साथ लगाए,लेकिन विभाग के लिए यह कोई गंभीर मामला नहीं रहा। पिछले पांच सालों में विभागीय स्तर पर शिकायतों पर जांच के नाम पर कुछ नहीं किया गया।मात्र दिखावे की कार्रवाई के तहत विभाग के अधिकारियों ने महिला वनपाल को कुछ दिन के लिए हटाया और पून: वहीं पदस्थ कर संबंधित को अपने स्नेह पात्र होना प्रमाणित कर फरियादी को डराने का काम ही सीधे तौर पर किया गया है।अब हालात यह हैं कि जिन्होंने शिकायत की वे भी भय के मारे जुबान खोलने से घबरा रहे हैं। पत्रकार संगठन एवं पूर्व विधायक की शिकायतें भी वर्ष 2015 से वनपाल के विरूद्ध सामने आई कुल 6 शिकायतों में पूर्व विधायक शांतिलाल धबाई ने 22 जून 2020 को शिकायत की गई।राष्ट्रीय पत्रकार एकता मंच के प्रचार सचिव कमल जाटव की 20-12-2019 की शिकायत है।शिकायतों की शुरूआत 2015 में विजय पिता बसंतीलाल पांचाल की शिकायत से हुई।इसी क्रम में किशनलाल पिता चंपालाल की शिकायत है तो इंदरलाल पिता मोतीलाल की शिकायत भी है।खास बात तो यह है कि अधिकांश शिकायतें मय शपथ पत्र के की गई हैं।हास्यास्पद बात यह है कि विभाग ने शपथ को अब तक मजाक में ही लिया है। अधिकारियों ने अब तक ये किया दिखावे की कार्रवाई के तहत 15 जनवरी 2020 की शुरूआत में आरोपित वनपाल को शिकायत एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से वन परिक्षेत्र तराना कार्यालय में वन मंडलाधिकारी ने संलग्न(अटैच्ड) किया ।ठीक 6ठे दिन आदेश को विधायक मुरली मोरवाल के पत्र क्रमांक 896 दिनांक 21 जनवरी 2020 की अनुशंसा पर निरस्त कर पूर्ववत उन्हे बडनगर में पदस्थ कर दिया गया।इसके बाद इन्हे एक आदेश में संभागीय उडनदस्ते में भेजा गया। पून: मुख्य वन संरक्षक अजय यादव ने पत्र क्रमांक 4856 दिनांक 17-09-20 से बडनगर सब रेंज में वनपाल पदस्थ किया है। विभाग की और से उप वनमंडलाधिकारी ने 16 जनवरी को जांच की कार्रवाई शुरू की थी वो भी वरिष्ठ अधिकारियों के प्रश्रय के चलते बंद हो गई । न तो मामले में बयान हुए और न ही अन्य कार्रवाई। गंभीर आरोप की शिकायतें शिकायतकर्ताओं ने वनपाल पर ही नहीं उनके पति कन्हैयालाल गोस्वामी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।उप वनमंडलाधिकारी ने शिकायतकर्ता एवं विभाग बडनगर के वन रक्षकों को बयान देने के लिए जारी पत्र में आरोप का उल्लेख करते हुए लिखा है कि वनमंडल उज्जैन जिले के बडनगर तहसील में 05 वर्षों से पदस्थ होकर श्रीमती मनीषा गोस्वामी वनपाल तथा उनके पति कन्हैयालाल गोस्वामी अपने आपको रेंजर बतलाकर दोनो पति पत्नी मिलकर आरामशीन के व्यवसाय करने वालों के साथ मिलकर दादागिरी से अवैध वसूल भ्रष्टाचार करते हैं।रूपये नहीं देने पर मारपीट ,गाली-गलौज करने वाली वनपाल की गोपनीय जांच की जाकर तत्काल वहां से हटाने के मामले में शिकायत की जांच का बिंदुवार विस्तृत जांच प्रतिवेदन भी वन परिक्षेत्राधिकारी से मांगा गया था। एक शिकायत कर्ता ने रात 10 बजे उसे धमकाने एवं लकडी से भरा ट्रक ले जाने एवं अन्य व्यक्ति के नाम से जबरिया प्रकरण बनाने पुलिस को टूल्स के रूप में उपयोग का आरोप लगाया गया है तो पत्रकार एकता मंच की शिकायत में भी कई गंभीर आरोप उठाए गए हैं।एक शिकायत कर्ता का आरोप है कि वनपाल एवं उनके पति ने त्रेमासिक लेखा जोखा के लिए आफीस बुलाया था वहां अवैध मांग की पूर्ति न होने पर उसके साथ गाली गलौज करते हुए शर्ट की कालर पकड़कर आफीस से धक्का देते हुए धमकी देकर बाहर निकाल दिया। गवाह पलटने लगे पिछले 5 वर्ष में आधा दर्जन शिकायत के मामलों में विभाग एवं विभागीय अधिकारियों के हाल से रूबरू होकर अब शिकायतों के गवाह डर के मारे पलटने लगे हैं ।यहां तक की शपथ पत्र देने वाले भी अब हताश होकर समझौता करने की स्थिति में आ चुके हैं। पूर्व विधायक की शिकायत का हश्र जानने के बाद तो एक एक कर गवाह गिरगिट को पीछे छोडने में लग गए हैं। शिकायत थाने तक लेकिन जांच नहीं शिकायतकर्ता विजय पिता बसंतीलाल ने गाली गलौज एवं अभद्रता के मामले में बडनगर थाने में वनपाल एवं उसके पति के खिलाफ शिकायत की थी,साथ ही घटना के चश्मदीद गवाहों का उललेख भी किया था।लेकिन वहां भी उंट वनपाल की तरफ ही करवट करके बैठा।शिकायत आज तक लंबित है। 2015 का काफी पुराना मामला है।मेरे संज्ञान में नहीं है।आवेदक अपनी बात पुन: रख सकता है।किसी को भी कानून तोडने का अधिकार नहीं है वो सामान्य हो या शासकीय कर्मचारी ।शिकायत होने पर पुलिस जांच भी करेगी और कार्रवाई भी होगी। आकाश भूरिया, एएसपी ग्रामीण, उज्जैन वरिष्ठ कार्यालय के आदेश पर वनपाल को पदस्थ किया गया है।अभी कार्यभार नहीं दिया गया है।मेरे कार्यालय में वैसे कोई जांच लंबित नहीं है।वन परिक्षेत्राधिकारी के यहां है उन्हे निर्देश देकर जांच जल्द पूर्ण करने का कहेंगे। नरेन्द्र पांडवा,वनमंडला‍धिकारी,उज्जैन शिकायतें हैं तो आपको इसमें क्या ? आप डिविजन आफीस में चले जाएं वो पूरा मुद्दा बता देंगे। अजय यादव, सीसीएफ, उज्जैन