आदिवासियों से 90 हेक्टेयर जमीन लेकर सिर्फ 7 दिया रोजगार

आदिवासियों से 90 हेक्टेयर जमीन लेकर सिर्फ 7 दिया रोजगार
madan kabra धार, प्रदेश की कमलनाथ ने उद्योग नीति में स्थानीय लोगों को अनिवार्य रूप से रोजगार देने का संशोधन किया है,लेकिन उद्योग नीति के अनुसार स्थानीय लोगों ाके रोजगाार नहीं दे रहे हैं।  अधिसूचित जिले धार के मनावर में अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने जो प्लांट स्थापित किया है, उसके लिए आदिवासियों से जमीन ली गई। साथ ही शर्त रखी थी कि कंपनी में 50 फीसदी स्थानीय लोगों को काम दिया जाएगा, लेकिन कंपनी में सिर्फ 7 स्थानीय लोगों को ही नौकरी दी गई है। स्थानीय जनप्रतनिधियों ने विधानसभा में भी यह मामला उठाया, लेकिन विधानसभा से बाहर निकलकर जनप्रतिनिधि ने भी मामले से पल्ला झाड़ लिया। धार जिले के मनावर में अल्ट्राटेक सीमेंट ने 3 साल पहले प्लांट स्थापित किया था। इसके लिए 90.11 हेक्टेयर निजी भ्ूामि अधिग्रहित की गई। जिसमें से 52.40 हेक्टेयर भूमि आदिवासियों से ली गई। अल्ट्राटेक सीमेंट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम जिला प्रशासन ने किया था। जमीन अधिग्रहण के समय कंपनी ने जिला कलेक्टर के साथ जो अनुबंध किया था, उसमें शर्त यह थी कि कंपनी में स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा, जिनमें प्रभावित किसान परिवार भी शामिल होंगे, जिनसे जमीन अधिग्रहित की गई है। लेकिन राजस्व मंत्री गोविंद सिंह ने जनवरी में विधानसभा में जो जानकारी दी थी, उसमें बताया कि मनावर स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में कंपनी ने सिर्फ 7 स्थानीय लोगों को रोजगार दिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधि उद्योगों द्वारा किए जा रहे शर्तों के उल्लंघन को उठाया जाता है, लेकिन बाद में नेता लोगों की इस समस्या को भूलते रहे हैंं। शिवराज सरकार में भी जनप्रतिनिधियों ने मामला उठाया था। अब कमलनाथ सरकार में भी नए जनप्रतिनिधि इस मामले को उठाकर शांत हो गए हैं। सीमेंट फैक्ट्री द्वारा तय शर्तों के अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार क्यों नहीं दिया जा रहा है, इससे किसी को मतलब नहीं है। कैसे प्रभावी होगी सरकार की नीति हाल ही में कमलनाथ सरकार ने उद्योगों में स्थानीय लोग (मप्र के निवासी) को ज्यादा संख्या में रोजगार देने के लिए नीति में बदलाव किया है। जिसके तहत उद्योगों को अधिक रियायत देने का भी प्रावधान किया गया है। यदि उद्योग इस तरह रोजगार की शर्तों का उल्लंघन करेंगे तो फिर सरकार की नीति कैसे प्रभावी होगी।