वन स्टॉप सेंटर बिछड़ी बालिकाओं व महिलाओं के लिए हो रहा मददगार साबित

वन स्टॉप सेंटर बिछड़ी बालिकाओं व महिलाओं के लिए हो रहा मददगार साबित
amjad khan शाजापुर। वन स्टॉप सेंटर न केवल किसी हिंसा से पीडि़त बालिकाओं एवं महिलाओं का मददगार है, बल्कि परिवार से बिछड़ी बालिकाओं और महिलाओं को मिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लालघाटी थाना के द्वारा वन स्टॉप सेंटर में एक महिला, जो की हिंदी भाषा नहीं जानती है, वह पास के गांव में पाई गई थी, जिसको आश्रय हेतु वन स्टॉप सेंटर में रखने का आग्रह किया गया था। कुछ दिनों तक परिवार के सदस्य नहीं मिल पाने के पश्चात जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी सुश्री चौहान एवं अध्यक्ष स्थानीय परिवाद समिति सुश्री मनीषा सिसोदिया ने 17 जनवरी 19 को महिला अर्चना की बात बंगाली भाषा जानने वाले साबिर हुसैन से करवाई, जिसके आधार पर अर्चना के गांव व जिले का पता चला तथा वह कैसे यहां पहुंची, इसके बारे में समझा। इसके बाद सुश्री सिसोदिया ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मुर्शिदाबाद के दूरभाष न. व पता लगाने के प्रयास किया। साथ ही सुश्री चौहान ने कलेक्टर श्रीकांत बनोठ के मार्गदर्शन में एनआईसी के माध्यम से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के पुलिस विभाग से संपर्क किया, जिसके बाद मयूरी घोष महिला पुलिस बेरहामोर ने अर्चना से महिला सशक्तिकरण अधिकारी के सामने व्हाट्स्प पर वीडियो कॉल के माध्यम से लगातार 10 मिनिट तक बात की तब जाकर अर्चना के परिवार को खोजा। इसी के आधार पर 20 जनवरी 19 को अर्चना का परिवार वन स्टॉप सेंटर शाजापुर पहुंचा। अर्चना व उसके पिता की भाषा को अनुवाद करवाने की लिए जिले में कार्यरत नाजीर समरथ से बात करवाई। अर्चना के पिताजी ने पहचान सम्बन्धी दस्तावेज प्रस्तुत किए जिसके आधार पर अर्चना को उसके पिता से मिलवाया गया। ख़ुशी से पिता पुत्री के आंसू निकल आए। सम्पूर्ण कार्यवाही कर उसके पिताजी की सुपुर्दगी में सौंपा गया। इस दौरान महिला आरक्षक अंजू यादव, भीष्म गुप्ता, राघवेन्द्र मीना, सहित वन स्टॉप सेंटर का अमला उपस्थित रहा।