पक्के आवास के लियें वर्षो से तरस रही वृद्धा

पक्के आवास के लियें वर्षो से तरस रही वृद्धा

इंदिरा आवास की राशि आहरण करने का तात्कालिन सचिव पर लग रहे आरोप

rafi ahmad ansari बालाघाट। कंटगी तहसील के ग्राम पंचायत उमरी में आवास के लिये जद्दोजहद बढ गई है। ग्रामीण आवास को लेकर बेहद परेशान है, जहां विगत दिनो 22 सितम्बर को ग्राम उमरी के कुछ ग्रामीण जिला मुख्यालय भी आयें थे, जिन्होने अधिकारियों को ज्ञांपन सौंपकर आवास मुहैया कराने की मांग की है। उस दौरान गांव की एक वृद्ध महिला कलाबाई पति ढोंडू गोंड भी अपनी शिकायत लेकर आई हुई थी। जहां उसने पंचायत के अधिनस्थ तात्कालिन कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बताया कि वर्ष 2009-10 में शासन की इंदिरा आवास योजना के तहत सूची में आवास निर्माण के लिये पात्रता सूचि में नाम आया था लेकिन तात्कालिन सरपंच-सचिव ने आपसी साठगांठ कर राशि का आहरण कर लिया और बताया कि इंदिरा आवास के लिये सूची में उसका नाम नही आया है। जिसके बाद वृद्धा कलाबाई ने आवास की समस्या को देखते हुए शासन की पीएम आवास योजना के लिये आवेदन किया था, लेकिन अब वर्तमान में सचिव द्वारा बताया जा रहा है कि वृद्धा को शासकीय दस्तावेजो के अनुसार इंदिरा आवास योजना का लाभ मिल चुका है, जिस कारण अब उसे पीएम आवास योजना का लाभ नही मिल पायेगा। दरअसल, नियमो के तहत जिस भी आवेदक को इंदिरा आवास योजना का लाभ मिल चुका है, उसे पीएम आवास योजना के तहत लाभ देने का प्रावधान नही है, जहां इसी के चलते वृद्धा कलाबाई को पीएम आवास योजना का भी लाभ नही मिल पाया। लेकिन पीडिता के बताये अनुसार वास्तविकता यह है कि उसे ना ही इंदिरा आवास योजना का लाभ मिल पाया है और ना ही पीएम आवास योजना का लाभ मिल पा रहा है, जिसके चलते वह आवास को लेकर बेहद चिन्तित व परेशान है। पीडिता ने चर्चा में बताया कि इस बार हुई भारी बारिश में उसका मकान क्षतिग्रस्त हो गया है और उसका कोई पालनहार भी नही है। उसकी तीन बेटीया है और एक परित्यक्ता बच्ची उसी के साथ रहती है। ऐसे में उसे जीवन यापन करने में काफी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है। वर्तमान में वृद्धा कलाबाई टीन लगाकर जीवन गुजार रही है। पंचायत द्वारा पूर्व में किये गये भ्रष्टाचार की वजह से आज उसे पीएम आवास योजना से भी वंचित होना पड रहा है। पीडिता ने मांग की है कि शासन-प्रशासन उसे पीएम आवास योजना के तहत आवास मुहैया कराये तथा इंदिरा आवास को लेकर की गई धोखाधडी मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करें।