asish malviya
अशोकनगर। जिले की पर्यटन नगरी कहे जाने वाले चंदेरी शहर का नाम एक बार फि र सुर्खियों में आया है। मिनी फि ल्म सिटी कहे जाने वाले चंदेरी में इस मर्तबा यहां की एक होनहार बेटी ने न सिर्फ अशोकनगर जिला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में जिले और परिवार का नाम रोशन किया है। बुधवार को माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा हायर सेकेंडरी परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए इस दौरान हायर सेकेंडरी में गणित संकाय की छात्रा आर्य जैन ने 97.2 फ ीसदी अंक लाकर ना केवल जिला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रदेश के एक छोटे से जिले अशोकनगर के अंतर्गत आने वाले चंदेरी शहर का नाम वैसे तो चंदेरी की साडीयों और फि ल्मों की शूटिंग के लिए खासा चर्चाओं में रहता है लेकिन इस मर्तबा शिक्षा जगत में भी अशोकनगर की इस छोटे से शहर की एक बेटी ने जिले का नाम रोशन किया है,
चंदेरी के शासकीय मॉडल स्कूल की छात्रा आर्य जैन पुत्री पंकज जैन ने 12वीं की परीक्षा में 97.2 प्रतिशत अंक लाकर यह साबित कर दिया की प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। निजी स्कूलों की चकाचौंध से दूर एक शासकीय स्कूल में अध्ययन करने वाली होनहार छात्रा आर्य जैन ने यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और उचित मार्गदर्शन मिलने पर सफलता आपके कदम चूमती है, एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी आर्या के पिता पंकज जैन एक दुकानदार है ंजो एक छोटी सी दुकान चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, जैसे ही माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अपने नतीजे घोषित किए और आर्या का नाम मध्यप्रदेश में गणित संकाय में प्रथम स्थान पर टीवी चैनलों में दिखाया गया वैसे ही तत्काल आर्या के घर पर लोगों का मिठाई लेकर पहुंचना और बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। खुशी का यह मंजर देख कर आर्या के माता-पिता काफ ी भावुक हो उठे उन्होंने कहा कि हमें गर्व है हमारी बेटी पर।
आर्या ने अपनी सफ लता का श्रेय अपने माता-पिता और परिजनों की आशीर्वाद, गुरुओं के उचित मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत को दिया। आर्या भविष्य में आगे चलकर जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश और देश का नाम रोशन करना चाहती हूँ। आर्या के पिता पंकज जैन ने बताया कि मैं बेटी क ी इस उपलब्धि से खासा खुश हूं उन्होंने बेटी की सफ लता का श्रेय उसकी मेहनत और स्कूल में मिलने वाले मार्गदर्शन को दिया, उन्होंने बताया कि आर्या अभी अपने मामा के घर गई हुई है और कहते हैं कि उनकी बेटी जितना और जिस तरह की पढ़ाई करना चाहे, जी तोड़ मेहनत कर उसे उतना पढ़ाएंगे। भले चाहे उनकी बेटी डॉक्टर-इंजीनियर बनना चाहे वे पूरा समर्थन देंगे, उन्होंने बताया कि आया शुरू से ही पढऩे-लिखने में खासी मेहनत करती थी और उसी का परिणाम है कि आज पूरे प्रदेश में प्रथम आकर उसने सफ लता हासिल की है।