NCTE : बीएड के साथ बीपीएड व बीएससीबीएड में बढ़ा छात्रों का रुझान

NCTE : बीएड के साथ बीपीएड व बीएससीबीएड में बढ़ा छात्रों का रुझान

भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग ने एनसीटीई के पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए आॅनलाइन काउंसलिंग में प्राय: सभी कोर्सों में विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा है। प्रदेश भर में अकेले बीएड की लगभग 57 हजार सीटों के विरुद्ध 52,475 छात्रों के एडमिशन हो चुके हैं। इसके अलावा चलाए जा रहे अतिरिक्त राउंड में लगभग चार हजार विद्यार्थियों ने चॉइस फिलिंग कर दी है। इस तरह मूल काउंसलिंग में ही सभी कोर्सों की 69,865 सीटों में से लगभग 86 फीसदी सीटें भर चुकी हैं। रिस्पॉंस को देखते हुए विभाग ने बीएड में इस वर्ष लगभग सात हजार सीटें बढ़ाई हैं।

 विभाग द्वारा बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड, बीएबीएस, बीएससीबीएड सहित अन्य एनसीटीई के कोर्सों में प्रवेश के कराने के लिए अतिरिक्त राउंड चला रहा है। सभी कोर्सों की 69,865 सीटों के लिए करीब 58,000 से अधिक एडमिशन हो चुके हैं।

अगले वर्ष से दो की जगह चार वर्ष में होगा बीएड
एनसीटीई के कोर्सों में अब तक सर्वाधिक बीएड में 52,475 एडमिशन हुए हैं। जबकि यह आंकड़ा पिछले वर्ष सभी राउंड के बाद भी कम था। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अगले वर्ष से बीएड की डिग्री दो के बजाए चार वर्ष में पूरी होना है। इसके अलावा स्कूलों में लगातार कम हो रही शिक्षकों की कमी, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लगातार पात्रता परीक्षा को टाले जाने से भी बीएड में एडमिशन की संख्या बढ़ी है।

पिछले वर्ष हुए थे सीटों से आधे एडमिशन
वर्ष 2019 में 720 कॉलेजों में से केवल 600 बीएड कॉलेज काउंसलिंग में शामिल हुए थे। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दी गई इनकी 55,750 सीटों में सभी कोर्सों में केवल 22,727 सीटों में ही विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया था।

इस वर्ष बढ़ गए 118 कॉलेज
प्रदेश में 720 कॉलेज बीएड सहित अन्य कोर्स संचालित हो रहे थे। इनमें लगभग 118 कॉलेजों संख्या इस बार बढ़ गई है। इस तरह स्टूडेंट्स के रिस्पॉस को देखते हुए कॉलेजों की संख्या इस बार बढ़कर 838 हो गई है।

एनसीटीई के कोर्सों में अभी तक की एडमिशन की स्थिति

  • बीएड 57,100-52,476
  • एमएड 3,250-2,444
  • बीएबीएड 3,300-1996
  • बीएससीबीएड 2,600-1,486
  • बीपीएड 2000-1191
  • एमपीएड 365-341
  • बीएडएमएड 250-164
  • बीएलएड 400-78

बीएड में ग्वालियर जिलों में सर्वाधिक एडमिशन

  • ग्वालियर : 6267
  • भोपाल : 5227
  • छतरपुर : 3061
  • इंदौर : 3051

क्या कहते हैं स्टूडेंट
स्कूलों मेें लंबे समय शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। अभी भी खाली पदों की अपेक्षा 25 प्रतिशत पद ही निकाले गए हैं। उन पर पात्रता परीक्षा टलती जा रही है। ऐसे में आगे जॉब मिलने की उम्मीद है, इसीलिए मैंने बीएड में एडमिशन लिया है।
रघुनाथ चौकसे, स्टूडेंट बीएड

अभी आसानी से दो साल को कोर्स पूरा करने पर बीएड हो जाता है, लेकिन बताया जाता है अगले वर्ष से चार साल में बीएड कराने का प्रस्ताव है। अभी इस फील्ड अधिक चांस हैं, इसलिए सोचा बीएड करलें आगे काम आएगा।
मनीष कुमार द्विवेदी, स्टूडेंट बीएड

क्या कहते एक्सपर्ट
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा में भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी गई है। इसलिए स्कूलों में जॉब की संभावनाएं बढ़ गई हैं। वहीं शिक्षा नीति में वर्तमान में संचालित बीएड कॉलेजों के सभी आठों कोर्सों को बंद कर पारंपरिक कॉलेजों संचालित करने की बात कही गई है। इसमें सीधे चार साल में कोर्स कम्पलीट होगा। इसलिए स्टूडेंट चाहते हैं अभी दो वर्ष के कोर्स चल रहे हैं तो कम समय में कोर्स पूरा कर लिया जाए।
राधावल्लभ शर्मा, शिक्षाविद