शहर में संचालित फ्लोर मिलों पर भी पीडीएस का गेंहू खपाए जाने की खबर
अधिकारी जांच करें तो सामने आ सकती है करतूत
awdhesh dandotiaमुरैना। पीडीएस घोटाले में शहर के मुन्ना सेठ जेल पहुंच जाने के बाद अधिकांश फ्लोर मिल संचालित करने वालों का हाजमा खराब हो गया है। क्योंकि सूत्र बताते हैं कि अधिकांश फ्लोर मिलों पर पीडीएस का गेंहू ही खपाया जा रहा है और जानकारी के अनुसार मुन्ना सेठ पर आरोप है कि उन पर पीडीएस के गेंहू के ट्रांसपोर्टेशन का ठेका था और यही गेंहू उन्होंने खुर्दबुर्द कर दिया। इस कारण यह आंशका भी पनप रही है कि कहीं मुरैना में फ्लोर मिल संचालित करने वाले कुछ फ्लोर मिल संचालकों ने तो वो गेंहू नहीं खरीदा।
खुर्दबुर्द हुआ पीडीएस का गेंहू
कोरोना काल हर व्यक्ति के जीवन का ऐसा समय रहा है जिसने जीवन की रफ्तार रोक दी। लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आए लेकिन ऐसे समय में शहर के जानेमाने रईस का पीडीएस घोटाले में लिप्त निकलना हर किसी को सोचने पर मजबूर कर रहा है। लोगों का कहना है कि इस रईस के तार शहर के कुछ फ्लोर मिल संचालकों से जुड़े हैं और सूत्रों की मानें तो खुर्दबुर्द हुआ पीडीएस का गेंहू इन्हीं फ्लोर मिल संचालकों को बेच दिया गया है।
नागरिक आपूर्ति विभाग के भी कुछ अधिकारियों की संलिप्तता
बताया तो यहां तक जाता है कि इस कृत्य में नागरिक आपूर्ति विभाग के भी कुछ अधिकारियों की संलिप्तता है। क्योंकि जिले में सहकारी उचित मूल्य की दुकानें व सोसाइटियों पर से राशन वितरण न किए जाने की शिकायतें करने के बाद भी नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी पहुंचते नहीं है और जब तब जाते भी हैं तो बिना कार्रवाई के केवल नोटिस देकर वापस हो लेते हैं। इस कारण कंट्रोल संचालकों से उनकी अच्छी खासे संपर्क रहते हैं। सूत्रों के अनुसार यही सब तालमेल पीडीएस के गेंहू को खुदबुर्द करने में काम आया है।
कई फ्लोर मिल संचालक जेल पहुंच सकते हैं
यदि पूरे मामले की ठीक से जांच की जाए तो शहर के कई फ्लोर मिल संचालक जेल पहुंच सकते हैं। क्योंकि शहर में चर्चा है कि अधिकांश फ्लोर मिली तो पीडीएस के गेंहू पर ही संचालित हो रहे हैं। सस्ते दामों पर यह गेंहू खरीदकर इसका आटा तैयार किया जाता है और अपना मार्का लगाकर इसे अच्छे दामों पर बाजार में खपा दिया जाता है। जिम्मेदार विभागन इन मिलों पर चैकिंग नहीं करता इस कारण फ्लोर मिल संचालक मनमानी करने पर उतारू हैं। इतना बड़ा मामला सामने आने के बाद भी मुरैना के नागरकि आपूर्ति विभाग में सक्रीयता दिखाई नहीं दी है और न ही कलेक्टर ने इस दिशा में कोई कदम उठाने का मन बनाया है।
अधिकारियों को मिले हैं कुछ राज?
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि ग्वालियर में मुन्नालाल से की गई पूछताछ के बाद पुलिस को कुछ ऐसे सुराग मिले हैं जो मुरैना के फ्लोर मिल संचालकों की ओर इशारा करते हैं। खबर तो यहां तक है कि पुलिस ने इस बात से संबंधित विभाग को अवगत भी कराया है और विभाग द्वारा उन फ्लोर मिल संचालकों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
फ्लोरमिल संचालक भिड़ा रहे जुगाड़ :
पीडीएस घोटाले में मुन्नालाल के पुलिस गिरफ्त में आने के बाद शहर के कुछ फ्लोर मिल संचालकों ने अपने परिचित अधिकारियों से जुगाड़ बिठाना शुरू कर दिया है तो कुछ अपने चहेते नेताओं के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं ताकि उनके फ्लोर मिलों पर जो पीडीएस का गेंहू खपाया गया है उसकी जानकारी अधिकारी सरकारी कागजों में न दर्शाएं बताया जाता है कि जब से मुन्नालाल जेल पहुंचे हैं तब से अब तक कुछ फ्लोर मिल संचालक खुद के बचाव की रणनीति तैयार करने के लिए लाखों का लेनदेन कर चुके हैं।