rahman kuraishiआगर मालवा, भाजपा में टिकट बंटते ही कई जगह से असंतोष के सुर सुनाई दे रहे है । टिकट कटने पर कुछ नेताओं ने बगावत कर निर्दलीय पर्चा भरने का ऐलान किया है तो कुछ ने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा तक कर दी है। इसी कडी में सुसनेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक और मप्र. गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष संतोष जोशी ने टिकट वितरण में अपनी ओर कार्यकर्ताओ की उपेक्षा का पार्टी पर आरोप लगाया है और इसके चलते बगावत का बिगुल फूंकते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
दरअसल, भाजपा ने वर्तमान विधायक मुरली पाटीदार पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए उन्हें वपस से टिकट दे दिया है जबकि इस बार सोंधिया समाज के साथ ही संघ और कई सारे भाजपा कार्यकर्ता जो वर्षो से पार्टी का काम कर रहे है बड़ी दमदारी से यहां से अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे । इसी से नाराज संतोष जोशी ने अब निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान विधायक और भाजपा के पुनः प्रत्याशी बनाए गए अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रहे मुरलीधर पाटीदार और बीजेपी पर भी हमला बोला है ।जहां एक और उन्होंने मुरली पाटीदार को भाजपा की विचारधारा से पृथक विचारधारा रखने वाला व्यक्ति बताया वहीं पार्टी के लिए वर्षो से कार्य कर रहे मूल कार्यकर्त्ताओं की उपेक्षा कर मुरली पाटीदार को पुनः टिकिट देने के निर्णय की भी संतोष जोशी ने आलोचना की है । संतोष जोशी ने कहा है कि सुसनेर विधानसभा में विगत पांच साल से कार्यकर्ताओ की उपेक्षा की जा रही है और इसी के चलते उन्होंने अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है । साथ ही हम आपको यह भी बता दे कि संतोष जोशी का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनके विधायक कार्यकाल के दौरान हुए कई सारे विवाद के अलावा बीते महिनो उनकी पत्नी ने भी उन पर कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाए थे, जिसकों लेकर भाजपा और संघ में जमकर बवाल मचा था और अंततः यह प्रकरण संबंध विच्छेद तक पहुच गया है।
सुसनेर विधानसभा में सोंधिया, पाटीदार,राजपूत और यादव समाज के मतदाता बड़ी संख्या में निवास करते है। सुसनेर विधानसभा में कुल 2,12,795 मतदाता है और यहां हमेशा से ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता आया है। फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी के मुरलीधर पाटीदार यहां के विधायक हैं। बीजेपी ने इस बार भी मुरलीधर को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर अब तक 13 चुनाव हुए हैं, इसमें से 5 बार बीजेपी और 3 बार कांग्रेस को जीत मिली है। 2013 के चुनाव में मुरलीधर पाटीदार ने कांग्रेस के अंबावतिया वल्लभ भाई को 27 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। इस चुनाव में मुरलीधर पाटीदार को 79018 वोट मिले थे तो वहीं अंबावतिया वल्लभ भाई को 51342 वोट मिले थे। 2008 के चुनाव की बात करें तो इस बार भी बीजेपी को जीत मिली थी। संतोष जोशी को यहां की जनता ने चुना था। उन्होंने कांग्रेस के राणा विक्रम सिंह को 11 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। संतोष जोशी को 66224 वोट मिले थे तो वहीं राणा विक्रम सिंह को 54289 वोट मिले थे।