फरीदाबाद में देखा गया मोस्टवांटेड विकास दुबे, होटल से सामने आईं CCTV फुटेज

फरीदाबाद में देखा गया मोस्टवांटेड विकास दुबे, होटल से सामने आईं CCTV फुटेज

हाई अलर्ट पर हैं दिल्ली और हरियाणा पुलिस, दिल्ली में आत्मसमर्पण करने की सोच रहा

फरीदाबाद। गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश में जुटी पुलिस टीमों को अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। अब खबर आई है कि कानपुर कांड का आरोपी विकास दुबे दिल्ली में सरेंडर करने की फिराक में था। पुलिस के छापे से पहले फरीदाबाद में एक होटल से विकास दुबे कल शाम फरार हो गया। दावा है कि होटल की सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा शख्स विकास दुबे है। वो बड़खल मोड के एक ओयो होटल के बाहर दिखा था। विकास दुबे और उसके दो साथियों ने फरीदाबाद में होटल बुक करने की कोशिश की। लेकिन जब होटल के स्टाफ ने आईडी कार्ड मांगा, तो ये लोग यहां से चले गए। बताया जा रहा है कि विकास दुबे के पास इस वक्त अपनी गाड़ी नहीं है। वो ऑटो या रिक्शा से एक जगह से दूसरे जगह जा सकता है। या किसी दूसरे व्यक्ति की गाड़ी से भी सफर कर सकता है। दूसरी बात ये भी सामने आई है कि विकास के पैर में चोट लगी है इसलिए वो लड़खड़ाकर चल रहा है। दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस हाई अलर्ट पर हैं। दुबे चोरी छिपे दिल्ली पहुंचकर आत्मसमर्पण करने का रास्ता तलाश सकता है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल जिसमें कुख्यात पृष्ठभूमि वाले अपराधियों से निपटने में विशेषज्ञता है, गैंगस्टर के संबंध में किसी भी जानकारी के लिए अलर्ट पर है। दिल्ली में गैंगस्टर के प्रवेश करने की संभावना के मद्देनजर जांच करने के लिए यूपी-दिल्ली सीमा पर पुलिस चौकस है। खास साथी अमर दुबे मार गिराया उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी विकास दुबे के साथी अमर दुबे को हमीरपुर में यूपी एसटीएफ ने मार गिराया है। अमर भागने की कोशिश कर रहा था, तभी पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। कानपुर कांड में आठ पुलिसकर्मियों को मारने में अमर दुबे का भी हाथ था। अमर ने छत से पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी। वहीं कानपुर कांड में जांच के दायरे में आए एसटीएफ के डीआईजी अनंतदेव तिवारी का योगी सरकार ने मंगलवार को तबादला कर दिया। साथ ही दो अन्य अधिकारियों को भी इधर से उधर किया गया है। शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का पत्र सोमवार को उनकी बेटी ने पुलिस को घर में रखी फाइल से निकालकर दिया था। इसके बाद सोमवार को ही सीओ कार्यालय को सील कर दिया गया था। इस मामले में तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी पर सवाल उठ रहे थे कि जब सीओ ने उन्हें पत्र लिखकर विकास दुबे व निलंबित थानेदार विनय तिवारी की साठगांठ की पोल खोली थी तब उन्होंने दोनों पर कार्रवाई क्यों नहीं की।