भोपाल। मॉडल एक्ट के विरोध में संयुक्त मोर्चा मप्र मंडी बोर्ड के आह्वान पर कृषि उपज मंडी में अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल आज सातवें दिन भी जारी रही। कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के कारण मंडी का कामकाज पूरी तरह ठप्प पड़ा है। जिसका खामियाजा क्षेत्रीय किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मंडी में अपनी उपज बेचने के लिए आने वाले किसानों को खरीदी नहीं हो पाने के कारण मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि शासन द्वारा लागू किए गए मॉडल एक्ट के विरोध मंडी कर्मचारी विगत 24 सितंबर से मंडी प्रांगण में धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि पहले जब कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की गई थी, तब मुख्यमंत्री ने 15 दिन का आश्वासन दिया था कि प्रदेश के समस्त मंडी अधिकारी, कर्मचारियों के वेतन भत्ते की सुरक्षा की जाएगी और कृषि संचनालय बनेगा उसमें शामिल किया जाएगा। परंतु अभी तक इस संबंध में किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में संशोधन कर जो मॉडल एक्ट लागू किया गया है वह किसान, हम्माल, तुलावटियों, व्यापारियों, मंडी और मंडी बोर्ड के कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसलिए जब तक मंडी एक्ट में सुधार नहीं होता है तब तक मंडी के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
उधर मॉडल एक्ट को लेकर अनाज व्यापारी भी हड़ताल पर हैं। अनाज व्यापारी संघ के प्रवक्ता संजीव जैन ने बताया कि 24 सितंबर से हड़ताल कर रहे हैं, लेकिन शासन ने अब तक मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया है। आगे की रणनीति को लेकर गुरुवार को अनाज दलहन-तिलहन संघ की इंदौर में बैठक होगी। संयुक्त संघर्ष मोर्चा मप्र मंडी बोर्ड के प्रदेश संयोजक बीबी फौजदार ने बताया कि शासन स्तर पर मंगलवार बैठक हुई थी। इसमें क्या निर्णय लिए गए, इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। इसलिए हड़ताल जारी है। मांग पूरी होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।