लामा (ऊंट की प्रजाति) जानवर के खून से कोरोना वायरस का इलाज संभव

लामा (ऊंट की प्रजाति) जानवर के खून से कोरोना वायरस का इलाज संभव
नई दिल्‍ली। दुनिया भर में अब तक कोविड 19 संक्रमण से ढाई लाख से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे विश्‍व के वैज्ञानिक इस समय युद्धस्‍तर पर कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्‍सीन और दवा विकसित करने में जुटे हुए हैं। इस बीच अमेरिका और बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने एक जानवर के खून से कोरोना वायरस संक्रमण के कारगर इलाज का दावा किया है। उनका कहना है कि लामा (ऊंट की प्रजाति) कोविड 19 के इलाज में मददगार हो सकते हैं। बेल्जियम के वीआईबी-यूजेंट सेंटर फॉर बायोटेक्‍नोलॉजी और अमेरिका के ऑस्टिन में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्‍सास के वैज्ञानिकों ने मिलकर यह शोध किया है। उनका संयुक्‍त शोध मंगलवार को सेल पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इन वैज्ञानिकों ने 4 साल पहले सार्स और मेर्स वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करने के लिए शोध शुरू किया था। उनके शोध के केंद्र में बेल्जियम के जानवर लामा थे। चूंकि लामा और ऊंट की अन्‍य प्रजातियां खून में स्‍टैंडर्ड एंटीबॉडी बनाने में सफल रहती हें, ऐसे में 4 साल के लामा के शरीर में सार्स और मेर्स वायरस की सुरक्षित डोज दी गई थी। इसके बाद उसके खून के सैंपल को बाद में जांचा गया। इस लामा को 'विंटर' नाम दिया गया। इसके बाद विंटर लामा के खून के सैंपल लिए गए। इसमें से एंटीबॉडी अलग की गईं। लैब में इन एंटीबॉडी में ऐसी क्षमता पाई गई, जो नोवेल कोरोना वायरस को कोशिकाओं में घुसने और उसे संक्रमित करने से रोक देती है। शोध के अनुसार वैज्ञानिकों ने इसके लिए विंटर के खून से ली गई एंटीबॉडी से नई एंटीबॉडी तैयार की। ये एंटीबॉडी नोवेल कोरोना वायरस के प्रभाव को खत्‍म कर देती है। इससे कोरोना वायरस संक्रमण का कारगर इलाज संभव हो सकता है। विंटर लामा के एंटीबॉडी ऊम्‍दा किस्‍म की है। इसे नैनोबॉडी नाम दिया गया है। शोध टीम के मुताबिक इस एंटीबॉडी का ट्रायल जानवरों पर जल्‍द किया जाएगा। जैसे ही मंजूरी मिलेगी तो इस साल के अंत तक इंसानों पर भी इसका ट्रायल किया जा सकेगा।