जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, पूजा करने का ये है सबसे सही समय

जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, पूजा करने का ये है सबसे सही समय
नई दिल्ली, रक्षा करने और करवाने के लिए बांधा जाने वाला पवित्र धागा रक्षा बंधन कहलाता है. यह पवित्र पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनके कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं. राजसूय यज्ञ के समय भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप मैं अपने आंचल का टुकडा बांधा था. इसी के बाद से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरु हो गई. ब्राहमणों द्वारा अपने यजमानो को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है. इस दिन वेदपाठी ब्राह्मण यजुर्वेद का पाठ आरम्भ करते हैं इसलिए इस दिन शिक्षा का आरम्भ करना अच्छा माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन को एक बार कलाई पर बांधने के बाद तब तक नहीं खोलना चाहिए जब तक वो खुद ही न खुल जाए. इस बार रक्षाबंधन का पर्व 15 अगस्त को मनाया जाएगा. इस बार रक्षाबंधन का मुहूर्त क्या है ? - इस बार 15 अगस्त को शाम 05.59 तक पूर्णिमा रहेगी - दिन में कोई भद्रा आदि नहीं है - अतः पूरे दिन में कभी भी राखी बाँधी जा सकती है - परन्तु शाम 05.59 के पूर्व बाँध लें तो अच्छा रहेगा कैसे मनाएं रक्षा बंधन का त्यौहार ? - थाल में रोली,चन्दन,अक्षत,दही,रक्षासूत्र,और मिठाई रक्खें - घी का एक दीपक भी रक्खें , जिससे भाई की आरती करें - रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें - इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं - पहले भाई को तिलक लगायें ,फिर रक्षा सूत्र बांधें , फिर आरती करें - फिर मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें - रक्षासूत्र  बंधने के समय भाई तथा बहन का सर खुला नहीं होना चाहिए - रक्षा बंधवाने के बाद माता पिता और गुरु का आशीर्वाद लें तत्पश्चात बहन को सामर्थ्य के अनुसार उपहार दें - उपहार मैं ऐसी वस्तुऐ दे जो दोनों के लिए मंगलकारी हो,काले वस्त्र तथा तीखा या नमकीन खाद्य न दें रक्षासूत्र या राखी कैसी होनी चाहिए ? - रक्षासूत्र तीन धागों का होना चाहिए - लाल पीला और सफ़ेद - अन्यथा लाल और पीला धागा तो होना ही चाहिए - रक्षासूत्र में चन्दन लगा हो तो बेहद शुभ होगा - कुछ न होने पर कलावा भी श्रद्धा पूर्वक बांध सकते हैं