पालकी में निकले अवंतिका के क्षेत्रपाल कालभैरव, जेल गेट पर कैदियों ने किया पूजन
brijesh parmar
उज्जैन। भूतभावन भगवान श्री महाकालेश्वर के सेनापति एवं अवंतिका के क्षेत्रपाल मदिरापान करने वाले श्री कालभैरव की सवारी बुधवार को धूमधाम से निकली।रात्रि 12 बजे भैरव अष्टमी की आरती की गई।
बुधवार सुबह 11 हजार लड्डूओं का महाभोग लगाया गया तथा शाम को 4 बजे मंदिर से पालकी में विराजमान होकर कालभैरव भगवान नगर भ्रमण पर निकले। रास्ते भर पालकी का जगह-जगह पूजन हुआ तथा पुष्पवर्षा की गई।
शासकीय पुजारी पं. सदाशिव चतुर्वेदी एवं धर्मेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि परंपरानुसार भैरव अष्टमी के उपलक्ष्य में मंगलवार रात 12 बजे महाआरती में हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सेदारी की।इसमें देश के विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु शामिल थे।बुधवार शाम 4 बजे भैरवगढ़ क्षेत्र में भव्यता के साथ बाबा की पालकी निकाली गई। सवारी में हाथी, घोड़े, रथ, बैंड एवं अखाड़े शामिल हुए। श्री कालभैरव मंदिर से आरंभ होकर सवारी अंग्रेजों के जमाने की केन्द्रीय जेल के मुख्य द्वार पर पहुंची जहां कैदियों की ओर से पूजन किया गया। तत्पश्चात भैरवगढ़ क्षेत्र के प्रमुख मार्गों से होती हुई सवारी श्री सिध्दवट मंदिर पहुंची। यहां भगवान सिध्दवट तथा मां क्षिप्रा के पूजन एवं आरती पश्चात पुनः श्री कालभैरव मंदिर पर सवारी का समापन हुआ।