कांग्रेस के आंतरिक सर्वे: मालवा-निमाड़ में 4 सीटों पर कांग्रेस, 1 भाजपा की तो 2 पर मुकाबला

कांग्रेस के आंतरिक सर्वे: मालवा-निमाड़ में 4 सीटों पर कांग्रेस, 1 भाजपा की तो 2 पर मुकाबला

रिपोर्ट सभी विधानसभा प्रभारियों को सौंपी, कांग्रेसियों में खुशी का माहौल

भोपाल। प्रदेश में उपचुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और जिस तरह से कांग्रेस ने सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की है, उसेमें कांग्रेस खुद को सर्वाधिक सीटों पर विजयी बता रही है। मालवा-निमाड़ के इस सर्वे में कांग्रेस 4 सीटों पर सीधी-सीधी जीत बता रही है तो 2 सीटें मुकाबले की बताई जा रही हैं, वहीं 1 सीट पर खुद कांग्रेस अपने आपको कमजोर बताते हुए वहां भाजपा की जीत आसान बता रही है। पिछले सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी 27 विधानसभाओं के प्रभारियों सहित कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक ली थी। बैठक में कमलनाथ ने वह सर्वे रिपोर्ट भी साझा की, जो पिछले दिनों करवाए गए थे। इन्हीं सर्वे के आधार पर कांग्रेस टिकट बांटेगी और इसी पर रणनीति बनाकर चुनाव लड़ेगी। सभी 25 सीटों पर पहले सर्वे करवा लिया गया था और निमाड़ की दो सीटें, जिनमें मांधाता से नारायण पटेल और नेपानगर से सुषमा कास्डेकर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए हैं, की सीट पर भी सर्वे हो गया है। सूत्रों के अनुसार सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेसी खुश हैं और उनको उम्मीद बंधी है कि प्रदेश में फिर से कांग्रेस के विधायक बड़ी संख्या में चुनकर आएंगे और वे सरकार बनाएंगे। हालांकि अभी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं, लेकिन जल्द ही पहली सूची श्राद्ध पक्ष में ही जारी हो जाएगी, क्योंकि सितम्बर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में आचार संहिता लगने के बाद चुनाव की तारीख की घोषणा हो जाएगी। कुछ कांग्रेसी नेताओं से बातचीत के आधार पर जो सर्वे की रिपोर्ट सामने आई है, उसमें भाजपा 1, कांग्रेस 4 और 2 सीटों पर कड़े के मुकाबले की उम्मीद जताई गई है। कांग्रेस को इन चार सीटों पर है उम्मीद सर्वे में कांग्रेस सीधे-सीधे चार सीटों को अपनी झोली में मान रही है। हाटपीपल्या में मनोज चौधरी भाजपा से कांग्रेस के सामने होंगे। जो माहौल वहां चौधरी के खिलाफ बन रहा है, उसको लेकर कांग्रेस खुश हं और यहां राजेन्द्रसिंह बघेल को चुनाव मैदान में उतारकर यह सीट फिर से अपनी झोली में डालना चाहती है। वैसे यहां भी भितरघात से कांग्रेस को फायदा होने की संभावना है। मांधाता और नेपानगर सीट से अभी कोई उम्मीदवार तय नहीं है। भाजपा में इन सीटों को लेकर उठापटक जारी है और पुराने नेता चाहते हैं कि अब इस सीट पर हमारे लोग लड़ें। यहां से विधायक नारायण पटेल और सुमित्रा कास्डेकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस की ओर से बड़े नेताओं के नाम पर चर्चा चल रही है। आगर-मालवा सीट पर कांग्रेस से विपिन वानखेड़े का नाम तय है, लेकिन भाजपा की ओर से अभी तक नाम तय नहीं हो पा रहा है। पिछले चुनाव से ही वानखेड़े यहां सक्रिय हैं और इसका पूरा लाभ उनको मिलेगा। सांवेर और सुवासरा पर है कड़ा मुकाबला सर्वे की मानें तो सांवेर और सुवासरा विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला होगा। सांवेर सीट जहां पूरे प्रदेश में चर्चा में है, क्योंकि यहां सिंधिया के करीबी तुलसी सिलावट भाजपा से चुनाव मैदान में हैं तो कांग्रेस से प्रेेमचंद गुड्डू का नाम लगभग तय है। दोनों ही नेता चुनावी खेल में माहिर हैं और हर तरह से चुनाव लडऩे को तैयार हैं। अभी सांवेर में जो चल रहा है, उसमें दोनों एक-दूसरे पर भारी पड़ रहे हैं। सुवासरा की सीट की बात की जाए तो हरदीपसिंह डंग यहां भारी हैं, जो भाजपा में चले गए हैं। वैसे कांग्रेस से राकेश पाटीदार का नाम आगे आया है। पाटीदार इतना दमदार नाम नहीं हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि यहां भाजपा में भितरघात की आशंका है, जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। बदनावर की नाव हो जाएगी पार सूत्रों की मानें तो कांग्रेस मान चुकी है कि बदनावर में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हैं और उसके पास राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ही ऐसे उम्मीदवार थे जो मजबूत थे, लेकिन अब वो भाजपा के पाले में जा चुके हैं और चुनाव भी लड़ रहे हैं। कांग्रेस के पास वहां से कोई दमदार उम्मीदवार लड़ाने के लिए नहीं है और कांग्रेसी यहां से भाजपा के पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत पर डोरे डाल रहे हैं। जो लोग शेखावत को जानते हैं वे कह रहे हैं कि शेखावत कभी भी ये गलती नहीं करेंगे तो कांग्रेस ने यहां से एक अन्य विकल्प पर भी विचार शुरू कर दिया है, लेकिन सर्वे में यहां की रिपोर्ट कमजोर है और इसे भाजपा के खाते में मान लिया गया है। कांग्रेस के नेता खुद मान रहे हैं कि इस सीट पर भाजपा को सर्वाधिक मतों से विजय मिलेगी।