IDBI बैंक के अधिकारियों ने नियमों-जोखिमों को नजरअंदाज किया: 600 करोड़ लोन धोखाधड़ी

 नई दिल्ली
एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी. शिवशंकरण द्वारा IDBI बैंक को 600 करोड़ रुपये की चपत लगाने के मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की शुरुआती जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसमें बताया गया है कि किस तरह बैंक के बड़े अधिकारियों ने नियमों और जोखिमों को नजरअंदाज करते हुए शिवशंकरण को लोन दिया और यह एनपीए में तब्दील हो गया। 
 
IDBI के टॉप मैनेजमेंट ने लोन की कई शर्तों जैसे, ब्याज दर, मीडियम टर्म लोन के रूप में क्लासिफिकेशन, कॉर्पोरेट गारंटी आदि को बदला। CBI के मुताबिक इस साजिश में जो लोग शामिल रहे वे हैं- IDBI के पूर्व सीएमडी एमएस राघवन, सिडिकेड बैंक के मौजूदा एमडीसीईईओ मेलविन रीगो, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व सीएमडी पीएस शेनॉय, IDBI बैंक के पूर्व डेप्युटी एमडी बीके बत्रा, IDBI बैंक के पूर्व स्वतंत्र निदेशक निनाद कारपे और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के मौजूदा चेयरमैन एस रवि। 

CBI के मुताबिक, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित असोसिएट कंपनी एम/एस एक्सेल सनसाइन लिमिटेड को 523 करोड़ रुपये का लोन देने के लिए IDBI बैंक के इन पूर्व अधिकारियों ने शिवा ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटर्स/डायरेक्टर्स के साथ आपराधिक साजिश रची। 

 
इससे पहले 2010 में शिवा ग्रुप की कंपनी विन विंड ओवाई (WWO फिनलैंड) को दिया गया 323 करोड़ रुपये का लोन भी डूब चुका था और कंपनी ने फिनलैंड में दिवालिया अर्जी दाखिल की थी। इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए भी लोन दिया गया। 

CBI ने कहा, 'रेग्युलेटरी गाइडलाइंस का खुला उल्लंघन करते हुए वर्ष 2014 में एक्सेल को 523 करोड़ रुपये का लोन दिया गया ताकि इसका इस्तेमाल शिवा ग्रुप की दूसरी कंपनियों के लोन को चुकाने के लिए किया जा सके।' 

कंपनी ने दूसरे लोन के लिए गारंटी के तौर पर टाटा टेल सर्विसेज लिमिटेड (TTSL) के 5.50 करोड़ गैरसूचीबद्ध शेयर प्रति शेयर 106 रुपये की कीमत पर और इसके अलावा शिवा इंडस्ट्रीज ऐंड होल्डिंग्स लिमिटेड की कॉर्पोरेट गारंटी के साथ 38 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्ति गिरवी रखने का ऑफर दिया था। 

CBI ने कहा, 'एक अनुपजाऊ उद्देश्य के लिए जनता के पैसों को आरोपी बैंक अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए और RBI की गाइडलाइंस को नजरअंदाज कर शिवा ग्रुप को दे दिया और वह भी तब जब रिकवरी का जोखिम बहुत अधिक था। उन्होंने WWO को दिए लोन का नतीजा भी देख लिया था।' 

IDBI ने शिवा की कंपनियों को कई और फायदे पहुचाए। बैंक ने शिवा की कंपनियों को 31 करोड़ रुपये मूल्य के तीन और लोन जारी किए ताकि IDBI के ब्याज को चुका कर यह दिखाया जा सके कि लोन अकाउंट अच्छी स्थिति में है।