केरल विमान हादसे पर बोले हरदीप पुरी-गैर जिम्मेदाराना अवलोकन पर आधारित अटकलें लगाने से दूर रहें

केरल विमान हादसे पर बोले हरदीप पुरी-गैर जिम्मेदाराना अवलोकन पर आधारित अटकलें लगाने से दूर रहें
नई दिल्ली, केरल के कोझीकोड में रनवे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान फिसलने और उसके खाई में जाने के बाद दो टुकड़ों में बंटने को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। एक्सपर्ट की तरफ से तो इसे हत्या तक करार दिया गया है। इधर, नागरिक विमानन मंत्री हरदीप पुरी सभी को संयम रखने, गैर जिम्मेदाराना अवलोकन पर आधारित अटकलें लगाने से दूर रहने की अपील की है। शनिवार को हरदीप पुरी ने कहा, "राजनीतिक प्रणाली में मेरे कुछ सहकर्मियों ने कोझिकोड विमान हादसे के तथ्यों का पता लगाये बगैर इस घटना के बारे में सवाल उठाये हैं।" उन्होंने आगे कहा, "कोझिकोड हवाईअड्डा ऑपरेटर ने डीजीसीए द्वारा नियमित रूप से उठाये जाने वाले मुद्दों, जैसे कि रबर का जमा होना, पानी का प्रवाह अवरुद्ध होना, हवाईपट्टी पर दरार पड़ना आदि का समाधान किया है।" केन्द्रीय विमानन मंत्री ने कहा, "रबर का जमा होना, हवाईपट्टी पर दरार पड़ना जैसी चिंताएं प्रकट करना डीजीसीए का सामान्य कार्य है। यह इन्हें दुरूस्त करने को सख्ती से सुनिश्चित करता है।" उन्होंने आगे कहा कि कोझिकोड विमान हादसे के मामले में वायुयान अधिनियम के तहत जांच का आदेश दिया गया है। ब्लैक बॉक्स बरामद हो गया है। जांच के नतीजे सार्वजनिक किये जाएंगे। इसके साथ ही पुरी ने कहा कि जो लोग मीडिया की खबरों में जगह पाना चाहते हैं, सांविधिक जांच के नतीजे का इंतजार करें। उसके बाद तथ्यों के आधार पर मुद्दे की तफ्तीश करें। इससे पहले, नागर विमानन मंत्री ने कहा, "दुर्घटनाग्रस्त एयर इंडिया एक्सप्रेस के मुख्य पायलट दीपक वसंत साठे सर्वाधिक अनुभवी कमांडरों में एक थे, जिनके पास दस हजार घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव था और पहले वह कारीपुर हवाई अड्डे पर 27 बार विमान की लैंडिंग करा चुके हैं। दुर्घटना में साठे की भी मौत हो गई।" दुबई-कोझिकोड विमान की शुक्रवार की रात को हुई दुर्घटना और इसके बाद जारी राहत अभियान का जायजा लेने यहां पहुंचे मंत्री संवाददाताओं से बात कर रहे थे। हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुरी ने कहा, 'विमान के कैप्टन और संचालक दीपक वसंत साठे हमारे सर्वाधिक अनुभवी कमांडरों में एक थे। वास्तव में कैप्टन के पास दस हजार घंटे से अधिक विमान उड़ाने का अनुभव था। वह इस हवाई अड्डे पर करीब 27 बार विमान लैंड करा चुके हैं। उन्होंने दुर्घटना के बाद बचाव अभियान में हिस्सा लेने वाले स्थानीय विमान प्राधिकरण के अधिकारियों, अन्य सभी एजेंसियों और स्थानीय लोगों की प्रशंसा की। दुर्घटना में सह पायलट अखिलेश कुमार की भी मौत हो गई। मंत्री ने कहा कि उन्होंने शानदार तरीके से काम किया।