बदले समय में लड़कियां नहीं किसी से कम

बदले समय में लड़कियां नहीं किसी से कम

बदले समय में लड़कियां नहीं किसी से कम

किशोरों को बताया लड़के - लड़कियों में नहीं कोई फर्क, वितरित किये इंसेटिव किट

girls-are-not-less-than-anyone Syed Javed Ali मंडला - जिले के नौ विकासखंडों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर व परामर्शदाता द्वारा सपोटिव सुपर विजन और विभिन्न गतिविधियां की जा रही है। जिससे ग्राम के किशोर अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सके। कार्यक्रम के अंतर्गत नैनपुर विकासखंड के चिरईडोंगरी और निवारी में साथिया को प्रोत्साहित करने इंसेटिव किट वितरण किया गया। इस दौरान इन्हें लैंगिग भेद भाव के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उनमें होने वाले भेदभाव को बताया। बताया गया कि कार्यक्रम का उद्देश्य गांव के किशोर, किशोरियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। जिससे आने वाले समय में किशोरों को युवास्था में शरीरिक, मानसिक परेशानी का सामना ना करना पड़े। जिले में कार्यक्रम का संचालन कार्ड संस्था द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रशिक्षित परामर्शदाता और प्रशिक्षकों द्वारा ग्रामों में जाकर किशोर, किशोरियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान कर रहे है। साथिया का बढ़ाया मनोबल - ग्राम चिराईडोंगरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इंसेटिव किट वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सरपंच अनिल, सचिव, डॉ. लक्की चौरसिया, डॉ. श्री जसवाल, संस्था समन्वयक दिलीप राय, डॉ. राजकुमार नंदा, सीएचओ अंकिता यादव, काउंसलर दुर्गेश अग्रवाल, नेहा पटेल, ग्राम रोजगार सहायक श्री जंघेला, मास्टर ट्रेनर, हेमकरण भावरे, फूलवती टेकाम, हिना सोनवानी, जयदीप धुर्वे समेत किशोर किशोरी साथिया मौजूद रहे। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने किशोर किशोरी को साफ सफाई, एनीमिया, किशोर किशोरी के बदलाव, नशे के दुष्परिणाम के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के दौरान मौजूद किशोर किशोरी साथिया का मनोबल बढ़ाया और इंसेटिव किट वितरित किया गया। जीवन में आगे बढऩे किया प्रेरित - ग्राम निवारी के मंगल भवन में साथिया इंसेंटिव सामग्री वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 45 ग्राम के साथिया, आशा, बीपीएम पुनीत झा, सरपंच श्रीमति दीपा बाई, सचिव रामनिवास ठाकुर, परामर्शदाता दुर्गेश अग्रवाल, मास्टर ट्रेनर हेमकरण भंवरे, फूलवती तेकाम, जयदीप धुर्वे, हीना सोनवानी, दुर्गेश चन्द्रोल, चित्रा धनगर, सुभेन्द्र ठाकुर, अनुराधा यादव, डॉ. राजकुमार नंदा, डॉ. चतुर्वेदी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती वंदना केवट, महिला बाल विकास पर्वेक्षक केवलारी से श्रीमती शोभा धुर्वे, सीएचओ एकता यादव, अंजलि सोनी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी साथिया को कैप, एप्रेन, लोबर, टीशर्ट और छाता दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित साथिया को बीपीएम द्वारा मार्गदर्शन दिया गया। जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। किशोर, किशोरियों को गुड टच, बेड टच, एनीमिया, पोषड आहार, तिरंगा भोजन को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित साथिया को इंसेटिव किट प्रदान किया गया। भेदभाव से पीछे रह जाती है लड़किया - पुरुषों की तुलना में शिक्षित महिलाओं की संख्या कम हैं। वर्तमान समय में बड़ी संख्या में युवतियां स्कूल जा रही हैं, लेकिन बहुत सी लड़कियाँ गरीबी, शिक्षण सुविधाओं के अभाव व अन्य कारणों से शिक्षा पूरी किए बिना ही विद्यालय छोड़ देती हैं। विशेषकर वंचित वर्ग, आदिवासी और अन्य वर्ग की लड़कियां बड़ी संख्या में स्कूल को बीच में ही छोड़ देती हैं। समाज में प्राय: सोचा जाता हैं कि घर के बाहर महिलाएं कुछ खास तरह के काम ही कर सकती हैं। लड़कियों और महिलाओं को तकनीक कार्य की समझ नही होती है, इस प्रकार की रूढि़वादी धारणाओं के चलते लड़कियों को अनेक कार्यों व व्यवसायों की शिक्षा और प्रशिक्षण लेने के लिए परिवार का सहयोग नही मिल पाता हैं। लड़के और लड़कियों में होने वाले भेदभाव के कारण लड़कियां पीछे रह जाती है, लेकिन आज समय बदल गया है, अब लड़कियां किसी से भी कम नहीं है। महिलाएं दिखा रही अपना हुनर - संस्था समन्वयक दिलीप राय ने किशोरों को बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सामाजिक और वैधानिक दोनों स्तर पर अनेक प्रयास किए गये हैं। इन प्रयासों से होने वाले सामाजिक परिवर्तनों के कारण महिलाओं में गतिशीलता बढ़ी हैं और अब सभी क्षेत्रों में उनकी भागीदारी में वृद्धि हो रही हैं। धीरे-धीरे सामाजिक धारणाएं भी बदल रही हैं, आज सेना, पुलिस, वैज्ञानिक, चिकित्सक, इंजिनियर, प्रबंधक और शिक्षक जैसे पेशे में भी बहुत सी महिलाएं अपना हुनर दिखा रही है। महिलाएं सफलतापूर्वक व्यापारिक प्रतिष्ठानों का संचालन कर रही हैं। सरकार दो तरह से महिलाओं की प्रगति सुरक्षा और संरक्षण का कार्य कर रही हैं। पहला महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कानून बनाए हैं, दूसरा महिलाओं की प्रगति के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं।