जनसुनवाई के दौरान फरयादी ने फर्श पर लेटकर किया हंगामा
जमीन विवाद में अधिकारीयों के चक्कर काट कर फरियादी परेशान हो चुका है फरयादी परेशान
मंडला - जनसुनवाई के दौरान एक अजीब सा मामला सामने आया। जनसुनवाई के दौरान एक फरयादी अपनी परेशानियो को लेकर जमीन पर गिरकर अधिकारियो से मदद की गुहार लगाने लगा। फरियादी की पत्नी के मुताबिक वह अपनी जमीन को लेकर पिछले करीब 12 साल से परेशान है। इसको लेकर वह 12 सालो से कलेक्टर, एसपी और थानो के चक्कर लगा रहा है लेकिन आज तक उसकी सुनवाई नही हुई। ज़मीन को लेकर उसका अपने भाई से विवाद चल रहा है। इस जमीनी विवाद को लेकर वो कई बार अधिकारीयों के चक्कर लगा चुका है। इस बार उसका सब्र टूट गया और उसने जनसुनवाई में जमकर हंगामा किया। इस दौरान वह फर्श पर ही लोट गया और मदद की गुहार लगाई। फरयादी के इस अजीबो गरीब हरकत को देख जनसुनवाई कर रही अपर कलेक्टर ने हर संभंव मदद का आश्वासन दिया।
मंडला जिले के जिला योजना भवन में फर्श पर लेट कर फरियादी सतीश रजक हंगामा करने लगा। फरियादी अपने पिता की ज़मीन पर अपना हक़ चाहते है। इनकी पत्नी की माने तो इनके भाइयों ने गलत तरीके से यह ज़मीन विक्रय कर दी है। अपने हक़ की ज़मीन पाने के लिए ये कई बार अधिकारीयों के चक्कर काट कर इंसाफ के लिए फरियाद कर चुके है। कोई सुनवाई न होने से ये अपना आपा खो बैठे और फर्श पर लेटकर हंगामा शुरू कर दिया। फरियादी की पत्नी शीला रजक ने बताया कि वह 12 साल से जमीन विवाद को लेकर परेशान है। लगातार वह जनसुनवाई में शिकायत करती आ रही लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अपनी जमीन के लिए लंबे समय से चक्कर काट रहे हैं। हमारे ससुर की रजिस्ट्री वाली खरीदी हुई जमीन है लेकिन पति के छोटे भाइयों ने गलत तरीके से विक्रय कर दिया। वहां थोड़ी जगह में झोपडी बनाकर रह है है जिससे आए दिन पड़ोसियों से लड़ाई होती है। कई अधिकारियों के चक्कर काटे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तहसील कार्यालय के कई बार बार चक्कर काट चुके हैं लेकिन केवल पेशी ही मिलती है। 1 साल से अधिकारीयों के चक्कर काटते - काटते उनके जेवर, थाली, लोटा सब बिक गया। अब उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं नाम बचा है।
इस मामले पर अपर कलेक्टर मीना मसराम ने बताया कि उनका जमीन का विवाद है। इनके भाइयों ने सहमति कर जमीन बहन के नाम कर दी है। उनको आपत्ति है तो इन्हे केस के खिलाफ अपील करना चाहिए, फिर भी उन्होंने तहसीलदार को निर्देशित किया है कि कोई बीच का रास्ता निकालें जिससे समस्या का हल निकल सके। आपसी सहमति से कोई रास्ता निकालने का प्रयास किया जायेगा।