विकास प्राधिकरण के ड्रायवर ने लाइसेंसी बंदुक से खूद को गोली मारी, मौत

विकास प्राधिकरण के ड्रायवर ने लाइसेंसी बंदुक से खूद को गोली मारी, मौत
brijesh parmar उज्जैन। उज्जैन विकास प्राधिकरण के वाहन चालक योगेश पिता शिवदीन सेन 38 साल निवासी जवाहर नगर ने मंगलवार शाम को अपने घर पर खुद को लाइसेंसी 12 बोर बंदूक से गोली मार ली। आत्महत्या से पहले कर्मचारी ने यूडीए के फैमिली व्हाट्सएप ग्रुप पर अपनी फोटो के साथ आत्महत्या का मैसेज शेयर किया था। मौके पर एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल और एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह जांच के लिए पहुंच गए थे। मंगलवार को यूडीए में पदस्थ वाहन चालक योगेश ने 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। आत्महत्या से पहले उसने विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज शेयर किया था। जिसे पढ़कर विभाग में काम करने वाला बृजभान सिंह उसके घर पहुंचा तो वह घायल अवस्था में पड़ा हुआ था।

इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई

बृजभान सिंह उसे घायल अवस्था में इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचा जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। व्हाट्सएप मैसेज पढ़कर कर्मचारी बृजभान सिंह जब योगेश के जवाहर नगर स्थित घर पहुंचा तो कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। वह खून से लथपथ पड़ा हुआ था समिति उसकी बंदूक भी पड़ी हुई थी। बृजभान सिंह तत्काल मामले को समझ गया और वह योगेश को घायल अवस्था में इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। इस दौरान योगेश ने केवल इतना कहा कि उसे अपनी मां से मिलना है। सूचना मिलते ही जिला अस्पताल में परिजन भी पहुंच गए थे। घटना की जानकारी लगते ही मौके पर एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल एसपी अमरेंद्र सिंह सहित नानाखेड़ा थाने का पुलिस बल पहुंच गया था। प्रारंभिक रूप से मामला पूर्ण रूप से आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। किन कारणों के चलते योगेश ने आत्महत्या की है इस संबंध में परिजनों से पूछताछ की जाएगी। एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि कर्मचारी ने खुद की लाइसेंसी बंदूक से गोली मारी है। मौके से बंदूक बरामद कर ली गई है। यह आत्महत्या का मामला ही है।मृतक नशे का आदी होकर आए दिन परिवार के साथ मारपीट करता था।पूर्व में वह सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था जिसके चलते उसे बंदुक का लायसेंस मिला था। आत्महत्या के कारणो को तलाशा जा रहा है। उज्जैन विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों द्वारा आत्महत्या किए जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। फरवरी माह में सूदखोरों से परेशान होकर चपरासी विजय यादव निवासी महानंदानगर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।