भोपाल, प्रदेश के गरीब विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा विभाग का ट्यूशन फीस वेबर स्कीम (टीएफडब्ल्यू) अलाटमेंट पसंद नहीं नहीं आया है। इसमें 76 फीसदी विद्यार्थियों ने कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएस) का अलाटमेंट नहीं मिलने से प्रवेश ही छोड़ दिया है। इसमें से करीब 34 फीसदी विद्यार्थियों ने विभाग को अपना अलाटमेंट बदलने अपगे्रडशन के अप्शन को क्लिक किया है।
सूबे के 151 कालेजों में तीन से 12 सीटें टीएफडब्ल्यू में दी गई हैं। पहले राउंड में किए गए अलाटमेंट में विद्यार्थियों को सीएस नहीं मिलने से निशुल्क में मिलने वाली डिग्री के लिए प्रवेश तक छोड़ दिया है। वहीं दूसरी तरफ निशुल्क में ब्रांडेड कालेज के साथ विद्यार्थी दूसरी ब्रांच में पढ़ने तक का समझौता करने तक को तैयार नहीं हैं। इसलिए करीब 24 फीसदी विद्यार्थियों ने ही पंसदीदा ब्रांच और कालेज मिलने पर ही प्रवेश लिए हैं। आयुक्त तकनीकी शिक्षा पी नरहरि ने करीब दो हजार विद्यार्थियों को अलॉटमेंट जारी किए थे। इसमें पूरे 500 विद्यार्थियों ने प्रवेश लेना तक जरुरी नहीं समझा करीब 35 फीसदी विद्यार्थियों ने अपग्रेडशन का विकल्प चुना है। विभाग उनके अलाटमेंट 19 अक्टूबर को दोबारा आवंटन जारी करेगा। इसके बाद उक्त विद्यार्थी 23 अक्टूबर तक प्रवेश लेगें। इसके बाद ही प्रवेश की स्थिति स्पष्ट होगी।
आयुक्त तकनीकी शिक्षा ने इंजीनियरिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट्स, इंटरनेट आॅफ थिंग्स, डेटा साइंस सहित 15 नई ब्रांच प्रदेश के कालेजों में शुरू कराई हैं। इसमें सबसे ज्यादा कंप्यूटर साइंस, इंर्फोमेशन टेक्नालाजी, सिविल इंजीनियरिंग में विद्यार्थियों ने च्वाइस को लाक किया था। वहीं विद्यार्थियों ने प्रवेश भी लिए हैं।
बीआर्क के प्रदेश में आधा दर्जन कालेज हैं। उनकी 330 सीटों लिए 220 विद्यार्थियों का अलाटमेंट जारी किया गया है। इसमें राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और एमआईटीएस को बीआर्क में शत प्रतिशत अलाटमेंट मिला है। वहीं बी प्लानिंग में पहली बार एमआईटीएस ग्वालियर में प्रवेश कराए जा रहे हैं। इसमें करीब आधा दर्जन विद्यार्थियों ने एप्लाई किया हैं। उनका अलाटमेंट भी जारी कर दिया गया है। दोनों कोर्स में विद्यार्थी 22 अक्टूबर तक फीस जमा कर प्रवेश ले पाएंगे।