akhilesh dwivedi
सिंगरौली। ग्राम पंचायत क्षेत्र पिपरा कुरंद में रेड नदी से अभी भी अवैध रेत खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।ग्राम पंचायत में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल( एनजीटी) और मध्यप्रदेश सरकार की खनिज नीति एवं नियमों का सरेआम दरकिनार किया जा रहा है। ग्राम पंचायत पिपरा कुरंद के ओरगाई ब्रिज के निचे तक रोड़ बनाकर खनिज माफ़िया दारुद खान एवं बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संजय मित्तल द्वारा पोकलेन लगाकर बड़े पैमाने पर रेड नदी से रेत उत्खनन किया जा रहा है।ग्राम पंचायत क्षेत्र पिपरा कुरंद में रेत भंडारण के नाम पर करोड़ों रुपये की राजस्व चोरी की जा चुकी हैं ।
जिसका अभी तक असेसमेंट ही नहीं किया गया है। जिससे सरकार को करोड़ों की चपत लगाई जा चुकी हैं।ग्राम पंचायत के कादो पानी की रेड नदी में सरपंच सचिव की मिलीभगत से रेत माफ़िया बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संजय मित्तल और दारुद खान द्वारा पोकलेन लगाकर रातभर सैकडों ट्रक रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।यह रेत भंडारण के नाम पर उत्खनन कर कई गुना ज्यादा दाम पर बनारस मंडी के खनिज कारोबारियों के हाँथो बेची जा रही हैं। जिस पर जिला खनिज विभाग के अधिकारी पीपी रॉय एव इंस्पेक्टर पट्टा की भी साँठ गाँठ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय बैढन से 15 किमी दूर जनपद पंचायत बैढ़न के ग्राम पंचायत पिपरा कुरंद के ग्राम कादो पानी में खनिज माफ़िया दारुद खान एवं बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संजय मित्तल द्वारा सरपंच अनन्त कुमार नाई एव सचिव भोलानाथ जायसवाल की साँठ गाँठ कर रेड नदी में भंडारण के नाम पर लंबे अर्से से पोकलेन लगाकर अवैध रेत खनन किया जा रह है।यहां तक कि रेड नदी के बीचो बीच ओरगाई ब्रिज के नीचे पोकलेन से रोड़ बनाकर रातभर रेत उत्खनन किया जा रहा है। खनिज माफिया ने तो नदी का बहाव भी रोक दिया गया है। इस नदी से सैकड़ों ट्रक रेत प्रतिदिन उत्खनन की जाती हैं और बनारस की मंडी भेजी जाती हैं।नदी में रातदिन पोकलेन से रेत निकासी हो रही हैं।जिससे जलीय जीवों को भी जीवन संकट पैदा हो गया है। बताया जाता है कि सरकार द्वारा ग्राम पंचायत से 125 रुपये प्रति घन मीटर रेत का मूल्य तय किया गया है। जबकि बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संजय मित्तल और दारुद खान द्वारा 28 हज़ार रुपये प्रति ट्रक बनारस के रेत कारोबारियों के हाथों बेच कर भारी मुनाफ़ा कमा रहे हैं।सरपंच का कहना है कि माइनिंग विभाग के अधिकारी पीपी रॉय और इंस्पेक्टर पट्टा को 6 हजार रुपये प्रति ट्रक बतौर सुबिधा शुल्क लिया जाता है। सरपंच- सचिव को तो महज एक हजार रुपये प्रति गाड़ी मिलता है।
नही मिलता रोजगार और सस्ती दर पर रेत
मध्यप्रदेश सरकार ने रेत उत्खनन नियम में संशोधन कर लोगों को अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से मशीनों से उत्खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है।जिससे लोगों को रोजगार और सस्ते दामों पर रेत मुहैया कराई जा सके।लेकिन ग्राम पंचायत पिपरा कुरंद के सरपंच- सचिव एव रेत माफ़िया बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संजय मित्तल और दारुद खान की मिलीभगत से लोगों को रोजगार और सस्ती दर पर रेत मिलना दूभर हो गया है।माइनिंग अधिकारी श्री रॉय की अनदेखी से सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है।खनिज माफिया और खनिज अधिकारी रेत के नाम पर करोड़ों का खेल खेल रहे हैं।लेकिन सिंगरौली जिले के पिपरा कुरंद पंचायत के ग्राम कादोपानी मे रेत भंडारण के नाम पर अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है।
ग्रामीणों की शिकायत पर पोर्टल बन्द, दो दिन बाद फिर चालू
पिपरा कुरंद के ग्रामीणों सीता ,विजय सिंह, उमाशंकर सिंह, रामनाथ सिंह, देवनारायण फूलमती ने भी ग्राम पंचायत के सरपंच -सचिव की मिलीभगत से रेत माफ़िया बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के संजय मित्तल एव दारुद खान द्वारा रेड नदी से अबैध रेत उत्खनन की शिकायत जन सुनवाई में की गई है।जिससे खनिज विभाग ने आनन -फानन में पंचायत का खनिज पोर्टल बन्द कर दिया गया ,लेकिन खनिज अधिकारी एव इंस्पेक्टर पट्टा से लंबा सौदा होने के बाद फिर से चालू कर दिया गया है।
इनका कहना है
ग्रामीणों की शिकायत पर पंचायत का खनिज पोर्टल बंद कर दिया गया था, जाँच करने गया था मशीनें नही दिखाई दी है।।खदान बंद करने का अधिकार कलेक्टर के पास है।
श्री पट्टा
माइनिंग इंस्पेक्टर, बैढन, सिंगरौली