भोपाल, मध्य प्रदेश के 18 वें मुख्यमंत्री के तौर पर 17 दिसंबर को कमलनाथ शपथ लेने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री के पद पर बैठने के बाद ज़ाहिर है कि कमलनाथ कई ज़रूरी फैसले लेंगे. लेकिन सबसे ज़रूरी ये है कि शपथ लेने के 6 महीने के अंदर कमलनाथ को किसी सीट ने विधानसभा चुनाव जीतकर आना होगा. सवाल ये है कि कमलनाथ कौन सी सीट पर उपचुनाव लड़ेंगे.
2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई अप्रत्याशित घटनाएं हुईं. 15 साल से सत्ता में काबिज़ बीजेपी को कांग्रेस ने सत्ता से बेदखल करने में कामयाबी हासिल की. अब कांग्रेस के पास खुद की 114 सीटें हैं. विधायक दल और हाईकमान ने मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ के नाम पर मुहर लगाई. संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक अब कमलनाथ को 6 महीने के अंदर किसी सीट से उपचुनाव जीतना होगा.
कांग्रेस प्लान के तहत अब बीजेपी में सेंध लगाने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो कमलनाथ अपनी 114 सीटें छोड़कर बीजेपी की किसी विधायक से सीट को खाली कराने के मूड में हैं. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस इसी सिलसिले में कई बीजेपी विधायकों के संपर्क में है.
इस पर कांग्रेस के मीडिया सेल कांग्रेस के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि कमलनाथ जैसा व्यक्ति सभी को साथ लेकर चलता है, अपनी पार्टी नहीं दूसरे पार्टी के नेता भी उनके लिए सीट खाली करने को तैयार हो जाएंगे. वहीं कांग्रेस के इस नए प्लान पर बीजेपी की भी नज़रें टिकी हैं. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल के मुताबिक अगर कांग्रेस ने इस तरह की कोई कोशिश की तो कांग्रेस को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है. बीजेपी ईंट का जवाब पत्थर से देने का माद्दा रखती है.
चुनाव में बीजेपी कांग्रेस की लड़ाई बड़ी करीबी रही है. काउंटिंग के दिन आखिरी वक्त तक दोनों पार्टियों की सांसें ऊपर नीचे होती रहीं. अब जब कांग्रेस चंद सीटों से बहुमत से दूर है तो कोशिश यही है कि इस खाई को पाट दिया जाए जिससे टेंशन अगले 5 साल के लिए खत्म की जा सके.