वृंदावन, बांके बिहारी मंदिर 25 अक्टूबर से श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया जाएगा। हालांकि, प्रवेश के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है।श्रदालु कोविड 19 के दिशा-निर्देशों और सामाजिक दूरी का पालन कर दर्शन पूजन कर सकेंगे। बता दें कि कोरोना आपदा के दौरान लागू लॉकडाउन के बादबांकेबिहारी मंदिर को आम भक्तों के लिए खोलने के लिए सिविल जज जूनियर डिवीजन द्वारा मंदिर प्रबंधन को 15 अक्तूबर को एक आदेश पारित किया था। जिसमें मंदिर को 17 अक्तूबर से आम भक्तों के लिए सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन करते हुए खोलने के निर्देश दिए थे। इस पर मंदिर प्रबंधन द्वारा 17 एवं 18 अक्तूबर को मंदिर खोला गया। इस दौरान मंदिर प्रबंधन एवं जिला प्रशासन द्वारा दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए की गई व्यवस्थाएं भीड़ अधिक होने के कारण ध्वस्त होती नजर आईं। भीड़ की स्थिति को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने 19 अक्तूबर से एक बार मंदिर के पट आम भक्तों के लिए बंद कर दिए थे। मंदिर प्रबंधन के इस रवैये से आम भक्तों एवं ब्रजवासियों में आक्रोश व्याप्त हो गया।
इस संबंध में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह एवं राजेंद्र माहेश्वरी द्वारा एक जनहित याचिका सिविल जज जूनियर डिवीजन/मंदिर प्रशासक की अदालत में दायर की गई। वहीं हिमांशु गोस्वामी समेत अन्य 61 मंदिर सेवायतों द्वारा प्रार्थना पत्र देकर मंदिर को आम भक्तों के लिए खोले जाने की मांग की गई थी। शुक्रवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन/मंदिर प्रशासक गजेंद्र सिंह ने उक्त प्रार्थना पत्र एवं याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि न्यायालय द्वारा 15 अक्तूबर को जारी आदेश आज भी प्रभावी है। इसलिए पुनः मंदिर खोलने के आदेश पारित करने का कोई औचित्य नहीं है। अतः मंदिर प्रबंधन द्वारा पूर्व में पारित आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए तथा याचिकाकर्ता समेत अन्य सेवायतों को इस संबंध में सूचित किया जाए।
बताया कि उक्त प्रकरण से संबंधित प्रार्थना पत्र एवं प्रकीर्ण वाद को निस्तारित कर दिया गया है। अदालत द्वारा 15 अक्तूबर को दिए गए आदेश बरकरार रखने के बाद याचिकाकर्ताओं समेत मंदिर सेवायत एवं भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्हें अब पूरी उम्मीद है कि मंदिर प्रबंधन जल्द ही मंदिर को आम भक्तों के लिए खोलेगा। याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अदालत द्वारा अपने पूर्व आदेश को बरकार रखते हुए जो निर्णय दिया है। यह बांकेबिहारी के भक्तों की जीत है।