मरीजों को लूटने वाले अस्पतालों पर चला प्रशासन का चाबुक, वापस कराए 18 लाख

मरीजों को लूटने वाले अस्पतालों पर चला प्रशासन का चाबुक, वापस कराए 18 लाख

कलेक्टर ने कसा कोविड अस्पतालों पर शिकंजा

सभी अस्पतालों को कड़े निर्देश बिलों की मनमर्जी पर होगी कठोर कार्रवाई

भोपाल। कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर सभी एसडीएम ने आज अपने क्षेत्रों में कोविड अस्पतालों पर शिंकजा कसते हुए बढ़ी कर्रवाई की और 10 से अधिक परिवारों को उनके मरीजों के इलाज में ली गई अधिक राशि को वापस कराया है। आज भोपाल में मरीजों के परिवारों को लगभग 18 लाख रुपए की राशि वापस कराई गई है। कलेक्टर लवानिया के निर्देश है की यह कार्रवाई लगातार जारी रहे। कलेक्टर लवानिया ने सभी अस्पताल संचालकों को कड़े निर्देश दिए है यदि अधिक बिल लेने की शिकायते लगातार मिलती है तो अस्पताल संचालकों और अस्पताल प्रबंधक के विरुद्ध करवाई को जाएगी। अभी आपदा का समय है सभी अस्पताल तार्किक बिल ही मरीजों से ले अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। कलेक्टर लवानिया के निर्देश पर एमपी नगर एसडीएम विनीत तिवारी ने शोभा मालवीय मरीज के परिजनों की शिकायत पर की उनकी पेशेंट 15 अप्रैल से गौतम नगर स्थित सिटी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोराना से पीड़ित होकर भर्ती है । मरीज लंबे समय से आइसीयू में भर्ती रहा एवं उसे आक्सीजन सर्पोट पर भी रखा गया । मरीज के परिजनों का आरोप कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके द्वारा स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था करने पर भी मरीज से 4.50 लााख आक्सीजन की मांग के साथ कुल 12 लाख रूपए की मांग की जा रही है। जबकि सही राशि मात्र 6.00 लाख ही है । जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया द्वारा शिकायत पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये जिस पर एस.डी. एम . पी नगर विनीत तिवारी, तहसीलदार एवं चिकित्सक डॉ . राजेन्द्र अहिरवार ने राजस्व अमले के साथ अस्पताल में त्वरित कार्यवाही कर उभय पक्षों को सुना एवं उनके द्वारा प्रस्तुत बिल के अवलोकन के बाद मरीज से वसूल की जा रही 6.00 लाख रूपये की राशि कम करवाई । जिला प्रशासन की उक्त कार्यवाही से मरीज के परिजनों में संतोष है। एसडीएम द्वारा अस्पताल प्रबंधन एवं डॉ . गुप्ता को भविष्य में कोरोना की महामारी की इस विपरीत परिस्थिति में निर्धारित विधिसंगत एवं न्यायोचित राशि ही लेने अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है। कोलार एसडीएम क्षितिज शर्मा ने मरीज धर्मेंद्र चौहान पिता होशियारसिंह अस्पताल निर्मल प्रेम मिसरोद बिल की राशि 1 लाख 28 हजार 265 रुपए थी जिसे शिकायत प्राप्त होने पर 75 हजार रुपए कम करवाया गया । मरीज शांति सोहित अस्पताल निरामय हॉस्पिटल मिसरोद का 95 हजार रुपए का बिल माफ करवाया गया सोनू बैरागी अस्पताल निरामय हॉस्पिटल मिसरोद शिकायत प्राप्त होने पर 2.5 लॉक रुपए का बिल माफ करवाया गया और बॉडी परिजनों को सुपुर्द करवाई गई ।बन्ने सिंह यादव अस्पताल रुद्राक्ष हॉस्पिटल कोलार की शिकायत प्राप्त होने पर 65 हजार रुपए का बिल कम करवाया गया और नॉन कोविड डेड बॉडी परिजनों के सुपुर्द करवाई गई । रूद्राक्ष हॉस्पिटल द्वारा अधिक बिल जारी करने के कारण विशाल दीक्षित को 24 हजार रुपए, रवीश अग्रवाल को 8 हजार रुपए, पुरेंद्र पांडे 12 हजार रुपए, यश तानपुरे 12 हजार रुपए की राशि वापस कराई गई। मुकेश तनवानी को आरकेडीएफ हॉस्पिटल द्वारा 1 लाख 67 हजार 500 का बिल दिए जाने की शिकायत मिलने पर अस्पताल प्रबंधन से 50 हजार रुपए वापस दिलवाए गए । हुज़ूर एसडीएम आकाश श्रीवास्तव और टीम द्वारा नीलबड़ में संचालित कोविड हॉस्पिटल हक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीजों से जाकर पूछताछ की गई एवं पूर्व में डिस्चार्ज किए गए मरीजों के बिलों की जांच की गई, जिसमें मरीज अश्विनी पुरोहित 20 अप्रैल को एडमिट होकर 03 मई 2021 को डिस्चार्ज हुआ था जिससे हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा 3 लाख 47 हजार का बिल बनाया गया जिसमें से मरीज को 47 हजार की छूट देकर 3 लाख जमा कराये गये थे लेकिन बिल में अनियमितता होने के कारण 40 हजार राशि वापस कराई । मरीज के भाई अवधेश पुरोहित को वापस कराया गया एवं हॉस्पिटल प्रबंधन को हिदायत दी गई कि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं की पुनरावृति ना की जाए। ग्राम ईटखेड़ी में स्थित आयुष्मान भारत अस्पताल प्रबंधन से अजय गुप्ता मरीज को 1लाख 40 हजार की राशि वापस कराई गई। एसडीएम बैरागढ़ मनोज उपाध्याय द्वारा इसी तरह मरीज कपिल आहूजा पिछले 20 दिनों से एवीएम हॉस्पिटल के आईसीयू में है मरोज के परिवार जन हॉस्पिटल द्वारा की जा रही बिलिंग से संतुष्ट नहीं होने के कारण उनके मौखिक अनुरोध पर एसडीएम बैरागढ़ मनोज उपाध्याय के द्वारा एबीएम हॉस्पिटल के संचालक से बात की गई। हॉस्पिटल संचालक द्वारा हॉस्पिटल का प्रतिदिन का चार्ज वेंटिलेटर सहित 15 हजार निर्धारित किया गया। हॉस्पिटल के द्वारा मेडिसन चार्ज एवं प्लाज्मा आदि तथा अन्य खर्चा की लॉजिकल बिलिंग करने की सहमति दी गई। मरीज अभी भी हॉस्पिटल में उपचार है। मरीज के पिता हॉस्पिटल के द्वारा किए गए कंसीडरेशन से सहमत हैं। तथा उनके द्वारा संतुष्टि व्यक्त की गई।