ग्वालियर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अपने पुराने साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लिया है। दिग्विजय ने कहा कि सिंधिया को कांग्रेस ने क्या नहीं दिया, लेकिन उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए पहले मध्यप्रदेश में सरकार गिरा दी और अब कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंधिया के जाने से चंबल संभाग में कांग्रेस जीवित हो गई है। 50 साल के सियासी अनुभव से मैं कह सकता हूं कि अब कार्यकर्ताओं ने भाजपा की चुनौती स्वीकार कर ली है।
भाजपा को पं. मोतीलाल नेहरू व कांग्रेस के इतिहास पर बोलने का कोई अधिकार नहीं
दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा को पं. मोतीलाल नेहरू व कांग्रेस के इतिहास पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि स्वाधीनता आंदोलन में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। उल्लेखनीय है कि शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया पर गद्दारी का आरोप लगाने को लेकर कहा था कि पं. मोतीलाल नेहरू, सुभाष्ाचंद्र बोस, इंदिरा गांधी समेत कई ने कांग्रेस छोड़ी थी। इसी तरह सिंधिया ने भी सिद्धांतों को लेकर पार्टी छोड़ी थी।
दिग्विजय ने रविवार को ग्वालियर में सिंधिया के पुराने भाषणों के वीडियो जारी किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सिंधिया को सबकुछ दिया। वह पार्टी छोड़कर जाएंगे इसकी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र जनता के विश्वास का एक प्लेटफॉर्म होता है। वह कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं। राजनीति में भी कुछ मर्यादाएं होती हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सिंधिया को राहुल और प्रियंका का खास माना जाता था और वह पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस को ही निशाना बना रहे हैं। दिग्विजय ने भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर भी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों में पंडाल लगाने की अनुमति नहीं है। लेकिन, भाजपा के लोग पंडाल लगा सकते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा का हिंदुत्व क्या है।
गणेशजी के पंडाल पर रोक, भाजपा के पंडाल लग रहे
सिंधिया के कांग्रेस सरकार में दो सीएम होने के आरोप पर दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि अब भाजपा के 4 सीएम मंच पर थे। पांचवें सीएम नरोत्तम मिश्रा हैं। भाजपा के हिंदुत्व पर दिग्विजय सिंह ने प्रहार करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण काल में गणेशजी के पंडाल लगाने पर रोक है, लेकिन भाजपा के पंडाल लग रहे हैं।